रॉ एजेंट बताकर भारत की छवि खराब करने में लगा है पाक: रिजिजू

भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान पर देश की छवि खराब करने के लिए मनगढ़ंत कहानियां बनाने का आरोप लगाया. सरकार ने पाकिस्तान की ओर से जारी उस वीडियो को फर्जी करार दिया, जिसमें भारतीय नौसेना के एक पूर्व अधिकारी को कथित तौर पर यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया है कि भारत बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है.

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रॉ एजेंट बताकर भारत की छवि खराब करने में लगा है पाक: रिजिजू

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  • March 31, 2016 3:51 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान पर देश की छवि खराब करने के लिए मनगढ़ंत कहानियां बनाने का आरोप लगाया. सरकार ने पाकिस्तान की ओर से जारी उस वीडियो को फर्जी करार दिया, जिसमें भारतीय नौसेना के एक पूर्व अधिकारी को कथित तौर पर यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया है कि भारत बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है.
 
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “विदेश मंत्रालय (एमईए) इस फर्जी, गढ़े गए वीडियो और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान की ओर से बनाई गई कहानी पर बयान जारी कर चुका है. हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है और, मुझे लगता है कि यह पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के भीतर का खेल है, जिसमें वहां की सरकार, प्रधानमंत्री व उनकी एजेंसियां शामिल हैं.”
 
पाकिस्तान ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें कथित तौर पर गिरफ्तार एक भारतीय कुलभूषण यादव को यह कहते हुए दिखाया जा रहा है कि उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)’ के इशारे पर कराची और बलूचिस्तान में कई गतिविधियों का संचालन किया और वह अब भी भारतीय नौसेना से जुड़े हैं. पाकिस्तान ने उन पर जासूसी का आरोप लगाया है. 
 
रिजिजू ने आगे कहा, “पाकिस्तान द्वारा बनाए गए इस वीडियो का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव नहीं होगा. वे इस गढ़े गए वीडियो और मनगढ़ंत कहानियों के जरिए भारत की छवि खराब करना चाहते हैं.” भारत ने मंगलवार को वीडियो में दिखाए गए यादव के बयानों को खारिज किया. 
 
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने पूर्व नौसेना अधिकारी से संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा जारी वीडियो देखा है. इसमें उन्होंने जो कुछ भी कहा है उसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है. उनके बयान की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है. वीडियो से यह भी परिलक्षित होता है कि उन्हें बोलने के लिए निर्देश दिए जा रहे थे.”

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