नई दिल्ली. कर्ज नहीं चुकाने के मामले में फंसे उद्योगपति विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए ऋण का निपटारा करने के लिए सिंतबर तक 4,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. यह जानकारी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दी गई. न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और रोहिंगटन एफ. नरीमन की पीठ से यह भी बताया गया है कि माल्या ने पेशकश की है कि यदि उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के खिलाफ किए गए मुकदमे में जीत मिलती है तो वह उससे हासिल होने वाली 2,000 करोड़ रुपये की राशि देने को तैयार हैं.
‘बैंक ने मांगा एक सप्ताह का समय’
माल्या के वकील ने अदालत से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य महाप्रबंधक को सितंबर तक 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का प्रस्ताव पेश किया गया है. एसबीआई ने अदालत से कहा कि माल्या के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए उसे एक सप्ताह का समय चाहिए. बैंक ने यह भी कहा कि 2013 में उसने एक मुकदमा दाखिल कर 6,903 करोड़ रुपये और भुगतान किए जाने की तिथि तक उस पर ब्याज की मांग की थी.
‘माल्या अब भी विदेश में’
अदालत द्वारा बैंक से माल्या के मौजूदा ठिकानों के बारे में पूछे जाने पर बैंक ने कहा कि माल्या अब भी विदेश में हैं और भारत से लंदन जाने के बाद उन्होंने बैंक के अधिकारियों के साथ दो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दो मुलाकातें की हैं.
‘बैंक खारिज कर सकते हैं प्रस्ताव’
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की तारीख तय की है. उन्होंने बैंकों से कहा कि वह इस बीच माल्या के प्रस्ताव पर विचार करें. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर बैंक माल्या के प्रस्ताव से सहमत नहीं हों तो वे इसे खारिज कर सकते हैं.
जनहित में काम कर रहा है मीडिया’
माल्या के वकील ने मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामले को सुलझाने में मीडिया की वजह से भी दिक्कतें आ रही हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘मीडिया जनहित में काम रहा है. मीडिया सिर्फ इस बात पर रुचि ले रहा है कि पैसे वापस आएं.’