नई दिल्ली. दिल्ली से 17 साल के अंकित का 11 फरवरी को अपहरण हो गया था. जिसके कुछ दिन बाद नोएडा पुलिस को अंकित की लाश मिली थी. लेकिन पुलिस ने लाश को लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. इस घटना को 40 दिन हो चुके हैं लेकिन दिल्ली पुलिस के हाथों हत्यारों का अभी तक कोई भी सुराग नहीं लगा है. जबकी अपहरण के बाद किडनैपर्स ने अंकित के पिता को 18 बार फोन किया था.
मामले में पुलिस का कहना है कि वह अपहरणकर्ताओं तक पहुंचने की पुरी कोशिश कर रही है और जल्द ही केस को सोल्व कर दिया जाएगा. पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने किडनैपर्स तक पंहुचने की जीतोड़ कोशिश की लेकिन किडनैपर्स इतने शातिर थे कि एक बार भी पुलिस के हाथ नही आये और पुलिस को ही चकमा देते रहे. उनकी माने तो इस पुरे मामले में अबतक 100 से ज्यादा लोगो से पूछताछ हो चुकी है, और 2000 से ज्यादा लोगों की कॉल डिटेल्स खंगाली जा चुकी है इसके बावजूद भी अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.
क्या है मामला ?
11 फरवरी के दिन अंकित स्कूल से घर आया था. जिसके बाद एक फोन कॉल आने के बाद वह घर से निकल गया था. जब देर रात तक वह घर नहीं पहुँचा तो परिवार वालों को उसकी चिंता सताने लगी. उन्होंने अंकित को बहुत तलाशा लकिन वो नहीं मिला. अगले दिन 12 फरवरी को अंकित का परिवार थाने पहुँचा और वहीं किडनैपर का कॉल आया.
किडनैपर्स ने अंकित के पिता से अंकित की जिंदगी के बदले एक करोड़ की फिरौती की मांग की थी. बाद में 20 लाख रूपये में सौदा तय हुआ. किडनैपर्स ने अंकित के पिता को पैसे लेकर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन बुलाया लेकिन किडनैपर्स खुद वहां नहीं पहुंचे. इसके बाद उन्होंने अंकित के पिता को मोहन नगर बुलाया, फिर राजनगर एक्सटेंशन बुलाया उसके बाद मेरठ रोड पर DPS स्कूल पर बुलाया लेकिन किडनैपर्स किसी भी जगह नहीं पहुंचे. बाद में नोएडा पुलिस को अंकित की लाश मिली.