कुलभूषण की रिहाई सुनिश्चित करे मोदी सरकार: सरबजीत की बहन

कथित जासूस सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने इस सप्ताह रॉ के एजेंट होने के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण यादव की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया. सरबजीत को भी भारतीय जासूस बताकर पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था और हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के पहले कौर ने कहा, "हो सकता है कि एक और सरबजीत बनाने की बुरी भावना हो. यह नहीं दोराया जाना चाहिए."

Advertisement
कुलभूषण की रिहाई सुनिश्चित करे मोदी सरकार: सरबजीत की बहन

Admin

  • March 26, 2016 12:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. कथित जासूस सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने इस सप्ताह रॉ के एजेंट होने के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण यादव की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया. सरबजीत को भी भारतीय जासूस बताकर पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था और हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के पहले कौर ने कहा, “हो सकता है कि एक और सरबजीत बनाने की बुरी भावना हो. यह नहीं दोराया जाना चाहिए.”
 
‘कुलभूषण रॉ का एजेंट नहीं’
दलबीर ने कहा कि सरकार ने इन्कार किया है कि कुलभूषण रॉ का एजेंट है. उनके परिजनों ने भी इस आरोप को सिरे खारिज किया है तो और क्या चाहिए? लोगों को इस बात को लेकर आगे आना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कुलभूषण को दूसरा सरबजीत नहीं बनाया जा सके. उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल साजिश है.” 
 
सरबजीत न बने कुलभूषण
बता दें कि सरबजीत ने पाकिस्तान में दावा किया था कि वह एक किसान है और सीमा के निकट उसका घर है. वह भटक कर पाकिस्तान की सीमा में चला आया है, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसे 1991 में फांसी की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में टाल दी गई. 2013 में जेल में उस पर जानलेवा हमला हुआ और लाहौर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई. 
 
‘कुलभूषण की रिहाई सुनिश्चित हो’
दलबीर जासूसी के आरोप में भारत और पाकिस्तान की जेलों में बंद लोगों की रिहाई के लिए, 2005 से ही काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलना चाहते हैं तो पहले उन्हें कुलभूषण की रिहाई सुनिश्चित करना चाहिए. जैसा कि 2012 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अजमेर यात्रा के बाद खलील चिश्ती की रिहाई हुई थी.” 
 
‘पाक भरोसे का लायक नहीं’
दलबीर ने कहा, “यह बहुत अच्छा होगा. अगर मोदी पाकिस्तान से दोस्ती से पहले भारत के प्रत्येक नागरिक का ख्याल रखते हैं, लेकिन ऐसा देर होने से पहले करना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान पर भरोसा करना अपने आपको धोखा देने जैसा हो सकता है.” उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान की जेलों में बंद 87 भरतीय नागरिकों और भारत की जेलों में बंद 44 पाकिस्तानी नागरिकों की सूची भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सौपेंगी.

Tags

Advertisement