नई दिल्ली. राजद्रोह मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 हजार के मुचलके पर छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. दोनों की बीते 23 फरवरी को गिरफ्तारी हुई थी. जेल से छूटकर शुक्रवार की रात करीब पौने 11 बजे उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने जेएनयू कैंपस पहुंचे. यहां उमर खालिद ने छात्रों को ठीक उसी तरह संबोधित किया, जैसे कन्हैया कुमार ने जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद जेएनयू कैंपस पहुंचकर किया था. वहां पहुंचते ही दोनों ने मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया.
‘जेल जाकर मजबूत महसूस कर रहा हूं’
उमर खालिद ने छात्रों से कहा कि जेएनयू कैंपस में छात्रों के बीच उन्होंने कहा, ‘‘हमारा नाम उन लोगों की सूची में शामिल हो गया जिन्हें अपनी आवाज उठाने के कारण जेल जाना पड़ा है.’’ उमर खालिद ने शुक्रवार रात जेएनयू कैंपस में कहा कि अगर RSS और सरकार को लग रहा है कि हम लोगों पर दमन करके हमारे आंदोलन को तोड़ सकते हैं तो वे मुगालते हैं. मैं आप सभी लोगों के बीच में खड़ा होकर पिछले ड़ेढ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं. हम लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. हमें इस बात को लेकर शर्म नहीं है कि हमें इस धारा के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि देश के स्वतंत्रता सेनानी भी इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए थे.
‘सरकार के खिलाफ जारी रहेगा विद्रोह’
उमर ने आगे कहा कि हम यहां से चिल्ला-चिल्लाकर बोलना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ हमारा विद्रोह जारी रहेगा. अपराधी वो हैं जो सत्ता में हैं. सत्ता का विरोध करने वालों को हमेशा जेल में डाला गया. खालिद ने अपने भाषण में पीएम मोदी और शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बाला साहब ठाकरे पर भी निशाना साधा.
दलित विरोधी है केंद्र सरकार
उमर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आज जनता विरोधी, किसान विरोधी सरकार है, दलित विरोधी, मजदूर विरोधी हैं. अगर आप आवाज उठाएंगे तो वह जेल में डाल देगी और अगर आप मुसलमान हैं, तो वैसे ही जेल में डाले देगी. उन्होंने कहा कि क्रिमिनल वो है जो पॉवर में है. जेल में तो मजबूर लोग हैं. उमर ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम पर देशद्रोह का मुकदमा लगा, क्योंकि देश के लिए लड़ने वालों के खिलाफ भी यही धारा लगी थी. हमारा विद्रोह जारी रहेगा.
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
इससे पहले दोनों की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दोनों बिना इजाजत दिल्ली नहीं छोड़ेंगे और जांच अधिकारी के कहने पर जांच में शामिल होंगे. अदालत ने कहा कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. लिहाजा, ऐसा नहीं लगता कि वो कानून से भाग जाएंगे. कन्हैया को जमानत दी गई, समानता के आधार पर इनको भी जमानत मिलनी चाहिए.
क्या मामला था?
12 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राजद्रोह और आपराधिक साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. यह मामला जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर दर्ज किया गया था. बाद में उमर और अनिर्बान ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था और अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
उमर-अनिर्बान ने छपवाए थे पोस्टर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक जांच से यह बात सामने आई है कि उमर और अनिर्बान पोस्टर छपवाने और उसे वितरित करने में शामिल थे. खालिद पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है और ताप्ती हॉस्टल में रहता था जबकि अनिर्बान ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में रहता था.