नई दिल्ली. समलैंगिकों को लेकर छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) ने कहा है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है. संघ ने इस बार पर जोर दिया है कि सेक्स का चुनाव तब तक अपराध नहीं है जबतक वो दूसरों को प्रभावित न करे. एक निजी मीडिया हाउस के कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने इस बात की वकालत की कि समलैंगिक संबंध अपराध नहीं होना चाहिए.
होसबोले ने कहा कि यह लोगों का निजी मामला है. इसलिए आरएसएस को समलैंगिकता पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है. होसाबले ने कहा है कि किसी का भी सेक्स चुनाव अपराध नहीं है जब तक कि वह दूसरों के जीवन पर असर नहीं डालता. आरएसएस का यह बयान उस बहस को और बल दे सकता है जिसमें समलैंगिकता को अपराध न मानने की दलील दी जाती है.
बता दें कि भारत का नाम दुनिया के उन 70 देशों में शामिल है, जहां होमोसेक्शुअलिटी आपराधिक कृत्य है. आईपीसी (इंडियन पेनल कोड) की धारा 377 के तहत समलैंगिकता अपराध है. इसके लिए दस साल तक की जेल हो सकती है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसे संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे संबंध को डिक्रिमिनलाइज करने से इनकार कर दिया था.