नई दिल्ली. देशद्रोह के आरोपी मास्टर मांइड उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के हॉस्टल से दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में जाकर उनके लैपटॉप व अन्य सबूत बरमाद किए. पुलिस का मानना है कि दोनों के लैपटॉप से काफी सबूत मिल सकते हैं. यह भी पता चल सकता है. इनका संपर्क किन-किन लोगों से है. दोनों ने मेल व सोशन मीडिया के जरिए किस-किस तरह की बाते हुईं हैं. करिब दो हफ्ते पहले जेएनयू प्रकरण दक्षिण जिला पुलिस में ट्रांसफर होने के बाद सेल ने पहली बार जेएनयू जाकर सबूत इकट्ठा किया.
लैपटॉप सौंपने को कहा?
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के हॉस्टल वार्डनों को नोटिस भेजा है और उनसे जांच अधिकारियों को दोनों का लैपटॉप सौंपने को कहा है. दोनों राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे हैं. यह जांच में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान कर सकता है. मामला दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले पूर्व पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सौंपा था.
क्या मामला था?
12 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राजद्रोह और आपराधिक साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. यह मामला जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर दर्ज किया गया था. बाद में उमर और अनिर्बान ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था और अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
उमर-अनिर्बान ने छपवाए पोस्टर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक जांच से यह बात सामने आई है कि उमर और अनिर्बान पोस्टर छपवाने और उसे वितरित करने में शामिल थे. लैपटॉप उस संबंध में सबूत प्रदान कर सकते हैं. खालिद पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है और ताप्ती हॉस्टल में रहता था जबकि अनिर्बान ब्रह्मपुत्र हॉस्टल में रहता था
उमर ने कश्मीर व पाक में की थी बात
उमर के खिलाफ स्पेशल सेल को कई सुबूत मिले हैं. उसका पिता भी प्रतिबंधित संगठन सिमी का मुखिया रह चुका है. उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से पता चला है कि घटना से पहले उसकी कश्मीर के अलावा पाकिस्तान व अन्य देशों में काफी बात हुई थी.