आधार बिल: विपक्ष की राज्यसभा का सत्र 2 दिन बढ़ाने की मांग

लोकसभा में आधार बिल को मनी बिल के तौर पर पास करवाने से विपक्ष नाखुश है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने राज्यसभा को कमज़ोर करने की नीयत से ऐसा किया है. अब विपक्ष ने राज्यसभा का सत्र दो दिन बढ़ाने की मांग की है ताकि इस बिल पर बहस हो सके.

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आधार बिल: विपक्ष की राज्यसभा का सत्र 2 दिन बढ़ाने की मांग

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  • March 12, 2016 6:46 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा में आधार बिल को मनी बिल के तौर पर पास करवाने से विपक्ष नाखुश है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने राज्यसभा को कमज़ोर करने की नीयत से ऐसा किया है. अब विपक्ष ने राज्यसभा का सत्र दो दिन बढ़ाने की मांग की है ताकि इस बिल पर बहस हो सके.

16 मार्च को राज्यसभा का पहला चरण समाप्त हो रहा है, ऐसे में इस बिल पर चर्चा के लिए विपक्ष सत्र को बढ़ाने की मांग पर अड़ा है. दरअसल, अगर कोई विधेयक धनसंबंधी विधेयक के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो संसद का उच्च सदन अथवा राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है, उसमें संशोधन नहीं कर सकती.

इसके अलावा राज्यसभा को धनसंबंधी बिल पर चर्चा भी तुरंत करनी पड़ती है, क्योंकि यदि राज्यसभा में पेश किए जाने के 14 दिन के भीतर चर्चा नहीं होती है, तो उसे ‘पारित मान’ लिया जाता है.

विपक्ष का कहना है कि सरकार राज्यसभा को ‘अनावश्यक’ बनाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वहां वह अल्पमत में है, और उनके लिए बिलों को पारित कराना कठिन है.

आधार बिल 2016 के अंतर्गत यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (एकमात्र पहचान क्रमांक) प्रोग्राम अथवा ‘आधार’ को कानूनी मान्यता दी जाएगी, और फिर सब्सिडी तथा अन्य लाभ सीधे बांटने के लिए उसी का इस्तेमाल किया जाएगा.

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