नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एडवांसिंग एशिया कान्फ्रेंस को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि लोकतंत्र और तेज आर्थिक विकास साथ साथ नहीं हो सकते हैं इस मिथक को तोड़ा है. उन्होंने विकास की दिशा में उठाए गए अपनी सरकारों के उठाए गए कदमों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष में कोटा सुधारों से भारत जैसे देशों का निर्णय लेने में मदद करेगा. पीएम ने ये भी कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार को वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बढ़ती भागीदारी को प्रतिबिंबित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बतौर पीएम में कहा कहता हूं कि 21वीं सदी एशिया की है. यहा कार्यक्रम भविष्य का निवेश है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2020 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाए. युवाओं के लिए स्टार्टअप का प्रावधान किया गया है. गरीबों को बैंकों से जोड़ा गया है.
पीएम ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी में एशिया उम्मीद की एक किरण है. भारत ने विभिन्न तारीकों से एशिया में ऐतिहासिक योगदान किया है. हम सभी एशिया की सफलता चाहते हैं. पीएम ने कहा कि एशिया में अनेक महिला लीडर्स हैं. आज भारत के चार बडे़ राज्यों की कमान लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं महिलाओं के हाथों में है. उन्होंने कहा कि जब निजी निवेश कमजोर हो तो सरकारी निवेश आवश्यक है. हमारी सरकार ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया है क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी वहां निवास करती है.
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंधन निदेशक क्रिस्टीन लगार्डे ने भारत में आधार कार्ड की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि लक्षित सब्सिडी पहुंचाने के लिए ये एक बहुत अच्छी योजना है.