श्रीलंका की जेल में कैद 15 भारतीय मछुआरों को आज रिहाई मिल गई है। ये मछुआरे गलती से श्रीलंकाई सीमा में पहुंच गए थे, जिनको श्रीलंकाई सरकार ने अब आजादी दे दी है। सभी 15 मछुआरे भारतीय राजनयिक अधिकारियों को सौंप दिए गए है।
नई दिल्ली: श्रीलंका की जेल में कैद 15 भारतीय मछुआरों को आज रिहाई मिल गई है। ये मछुआरे गलती से श्रीलंकाई सीमा में पहुंच गए थे, जिनको श्रीलंकाई सरकार ने अब आजादी दे दी है। सभी 15 मछुआरे भारतीय राजनयिक अधिकारियों को सौंप दिए गए है। बताया जा रहा है कि मछुआरों को भारत वापस भेजने के लिए उनके आपातकालीन पासपोर्ट की व्यवस्था की गई। इसके बाद सभी को कोलंबो से चेन्नई हवाई अड्डे के लिए रवाना किया गया।
श्रीलंका की जेल से रिहा हुए मछुआरों का मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने स्वागत किया। इसके बाद उन्हें अलग-अलग वाहनों से उनके गृहनगर ले जाया गया। नागपट्टिनम के बारह और रामेश्वरम के तीन मछुआरों को अपने घर वापस आकर राहत मिली है। मछुआरों को चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद नागरिकता सत्यापन, सीमा शुल्क जांच और अन्य औपचारिकताओं से गुजरना पड़ा। इसके उपरांत मछुआरों का मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने स्वागत करके वाहनों के जरिए उनके घर पहुंचाया।
श्रीलंकाई नौसेना ने कथित तौर पर भारत के रामेश्वरम के मछुआरों को 27 सितंबर को सीमा पार करने और श्रीलंकाई जल में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया और सुनवाई के बाद जेल में डाल दिया गया। इसके बाद श्रीलंकाई नौसेना ने 11 नवंबर को मुल्लईतिवु के पास नागापट्टिनम जिले के 12 मछुआरों को मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें भी कैद कर लिया गया।
तमिलनाडु के मछुआरा संघ राज्य के मछुआरों की नियमित गिरफ्तारी के बाद तटीय जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मछुआरा संघ ने इस मामले में पीएम मोदी को पत्र लिखा था और यह आग्रह किया था कि वे हस्तक्षेप करें और बीच समुद्र में मशीनी नावों की जब्ती और गिरफ्तारी को रोकें, जो मछुआरों की आजीविका की रीढ़ हैं। इसके अलावा इस मामले में केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके से बातचीत की थी। इस बातचीत में उन्होंने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी का मुद्दा सामने रखा था। तमिलनाडु के 504 भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई अधिकारियों की हिरासत में हैं। करीब 48 मशीनीकृत मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर भी श्रीलंकाई अधिकारियों के कब्जे में हैं।
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