नई दिल्ली. महाशिवरात्रि का पर्व आज देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देशवासियों को बधाई दी.
शिवरात्रि का पर्व आज पूरे पश्चिमी भारत में परंपरागत तरीके और हर्षोल्लास के साथ महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की. महाशिवरात्रि, भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह की रात्रि.
शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि से बड़ा कोई त्योहार नहीं, कोई पर्व नहीं. यही वजह है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के दर्शन के लिए देश भर के शिवमंदिरों में शिवभक्तों का तांता लग गया. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाए. साथ ही दूध और जल से अभिषेक भी किया.
पूरे देश में महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा-अर्चना करने के लिए विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही है. मंदिरो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खास इंतजाम किए गए है. महाशिवरात्री के मौके पर बड़े बाजारों में पुलिस विशेष तौर पर पेट्रोलिंग करेगी.
बता दें कि प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मास शिवरात्रि कहा जाता है. इन शिवरात्रियों में सबसे प्रमुख है फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है.
शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि क्यों है खास
वेदों में जिसे ब्रह्मांड का सार कहा गया है वही शिव हैं, शिव ही एक मात्र संपूर्ण ब्रह्मा के केंद्र बींदू हैं. संपूर्ण संसार के सारे ग्रंथ सत्यम शिवम सुन्दरम से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाते हैं. अपने साकार रूप में भगवान शंकर त्रिभुवन के स्वामी कहलाते हैं.
यही वह भगवान शंकर हैं जिन्होंने रावण को सोने की लंका प्रदान की थी और कुबेर को सारे ब्रह्मांड के धन का स्वामी बना दिया था. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करना बहुत कठिन है, पूजा अर्चना के से भगवान खुश हो कर मनचाहा वरदान मिलते है.