नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ कार्यक्रम में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और शंतरज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद भी शामिल हुए. मोदी ने अपने मेहमानों के साथ बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को परीक्षा के दौरान सकारात्मक बने रहने का सुझाव दिया. बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कल संसद में 125 करोड़ नागरिक मेरी परीक्षा लेंगे.
मोदी ने मन की बात में छात्रों से तनाव और दबाव से दूर रहने को कहा है. मोदी ने कहा, “दूसरों की उम्मीदों के बोझ तले मत दबना. अपने स्वयं के लक्ष्य निर्धारित करें. हम दूसरों से प्रतिस्पर्धा क्यों करें? खुद से ही स्पर्धा क्यों न करें. हमेशा अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करें, इससे आपको भीतर से संतोष होगा.”
सचिन तेंदुलकर ने क्या कहा?
नमस्कार! मेरा नाम सचिन तेंदुलकर है. मैं समझ सकता हूं आपके माता-पिता, दोस्तों को सबको आपसे बहुत उम्मीदें होंगी इसलिए आप अपना लक्ष्य सेट करें और अपनी उम्मीदों को पूरा करें. तेंदुलकर ने अपने संदेश में छात्रों से सकारात्मक बने रहने की अपील की. तेंदुलकर ने कहा, “सकारात्मक सोच से ही सकारात्मक नतीजे प्राप्त होते हैं.” अपने लिए व्यावहारिक और हासिल कर सकने योग्य टारगेट रखें और उन्हें हासिल करने की कोशिश करें. सिर्फ अपने से प्रतियोगिता करें, न कि दूसरों से. सचिन ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पिछले 24 सालों में मेरे जीवन में कई कठिन परिस्थितियां आईं और कई बार अच्छे मूमेंट भी आए मगर लोगों की मुझसे हमेशा उम्मीदें रहती थीं. सचिन ने कहा कि मेरा फोकस बॉल पर रहता था और धीरे-धीरे मैं अपने जीवन में सब कुछ पाने में कामयाब रहा.
सचिन का संदेश समाप्त होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों उम्मीद है कि आपको सचिन तेंदुलकर के संदेश से प्रेरणा मिली होगी. परिक्षा के अंकों को खेल मत मानो, अपने जीवन को महान उद्देश्य के साथ जोड़ना चाहिए.
विश्वनाथन आनंद ने क्या कहा?
हेलो! मैं विश्वनाथन आनंद हूं. सबसे पहले परिक्षाओं के लिए शुभकामनाएं. मैं अपनी परीक्षा के दिनों को याद करते हुए कहता हूं कि बोर्ड परीक्षा की समस्याएं जीवन में आगे चल कर आने वाली चुनौतियों के समान ही होती हैं. उन्होंने कहा, “परीक्षा जीवन में आगे चलकर आने वाली समस्याओं के ही समान हैं. सबसे जरूरी है कि हम शांत रहें. यह शतरंज के खेल की तरह ही है.” शांत रहें और आराम से सोएं. आपको अच्छी नींद लेने और आराम रहने की जरूरत है. आपका पेट भरा होना चाहिए और सबसे जरूरी है कि शांत रहें. यह बहुत जरूरी है कि खुद पर दबाव न डाला जाए. अपनी अपेक्षाएं बहुत ऊंची न रखें. इसे सिर्फ एक चुनौती की तरह लें.
मोरारी बापू ने ने क्या कहा?
जाने-माने कथावाचक मोरारी बापू ने भी मन की बात में छात्रों को सफलता के मंत्र दिए. मोरारी बापू ने कहा, ‘आम तौर पर हम एक परीक्षा खत्म होते ही हम यह कैलकुलेट करना शुरू कर देते हैं तो हमारे कितने नंबर आएंगे. कृपया ऐसा न करें. उन्होंने कहा, ‘परीक्षा के समय में मन पर कोई भी बोझ रखे बिना, बुद्धि का एक स्पष्ट निर्णय करके और चित को एकाग्र करके आप परीक्षा में बैठिए.’
प्रोफेसर सीएनआर राव ने क्या कहा?
भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक सीएनआर राव ने भी मन की बात में छात्रों से बात की. राव ने कहा, ‘हमारे देश में बहुत अवसर हैं. आप खुद तय करें कि आपको जीवन में क्या करना है और उसे लेकर आगे बढ़ें.’ उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि परीक्षाओं से चिंता होती है. प्रतियोगी परीक्षाओं से भी ऐसा होता है. आप डरे न, अपना सर्वश्रेष्ठ करें.’