पूर्व गृह सचिव बोले, इशरत केस में CBI पर था राजनीतिक दबाव

नई दिल्ली. इशरत जहां एनकाउंटर केस में पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने खुलासा किया है कि इशरत जहां केस की सीबीआई जांच पर राजनीतिक दबाव था और उसी के चलते कई सारे मज़बूत तथ्यों को इग्नोर भी किया गया.

पिल्लई ने एक अंग्रेजी चैनल से खास बातचीत में इशरत जहां एनकाउंटर को एक सक्सेसफुल ऑपरेशन बताया है. उन्होंने कहा कि इंटेलीजेंस एजेंसियों ने ही लश्कर को आतंकियों को भेजने के लिए उकसाया था और बाद में उन्हें जाल में फंसाकर पूरी घटना को अंज़ाम दिया.

पिल्लई ने दावा किया है कि इशरत ऑपरेशन एक ट्रैप था और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने ही उसे तैयार किया था.

CBI पर लगे आरोपों के बारे में भी बोले पिल्लई

पिल्लई ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के कहने पर जांच कर रही थी इसी के चलते उसके जांच के दायरे की एक सीमा थी और वो इसके बाहर नहीं जा सकती थी. लेकिन मुझे सीबीआई  पर शक तब हुआ जब जांच के दौरान सीबीआई ऑफिसर्स को ऑफ़ द रिकॉर्ड ब्रीफिंग दी जाने लगी. इसमें समझाया जाता था कि क्या बोलाना है. जबकि मुझे लगता है कि इस तरह के ऑपरेशन में जिसमें आईबी भी शामिल था सीबीआई अफसरों को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए था.

पिल्लई ने आगे कहा कि अगर आप उन दिनों के अख़बारों को देखेंगे तो रोजाना इस तरह कि ख़बरें छपती थीं कि इसने ऐसा कहा और उसने ऐसा बताया. अगर मैं उस दौरान होम सेक्रेट्री होता तो सीबीआई के डायरेक्टर को बुलाकर ज़रूर कहता कि ये जो हो रहा है वो एक्सेप्टेबल नहीं है.

एनकाउंटर पर बोलने से बचे पिल्लई

पिल्लई ने इस इंटरव्यू के दौरान कई सवालों के जवाब खुलकर दिए. हालांकि वो ये कहने से बचते नजार आए कि इशरत जहां एनकाउंटर फेक था या नहीं. पिल्लई ने सीबीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि केस की सीबीआई जांच होने से दिक्कत नहीं है. लेकिन जांच को प्रोफेशनल वे में कंडक्ट किया जाना चाहिए था.

हो सकता है इशरत का इस्तेमाल किया गया हो

पिल्लई ने कहा कि मुझे ये नहीं पता कि वो आतंकी थी या नहीं लेकिन मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि उसे इस बारे में कुछ तो पता था. उसे पता था कि कुछ गलत होने वाला है. जैसा मैंने पहले भी कहा है कि ये सामान्य नहीं है कि एक कुंवारी मुस्लिम लड़की गैर मर्दों के साथ घर से इतना दूर बार-बार घूमने जाए और रात में उसके साथ रुक जाए.

उन्होंने कहा कि हो सकता है उसका इस्तेमाल किया गया हो और वो एक कवर हो. क्योंकि अकेले घूमने से ज़्यादा हसबेंड-वाइफ बनकर घूमना ज़्यादा आसान होता है, क्योंकि दूसरे लोग आप पर शक भी नहीं करते हैं.

राजेन्द्र कुमार के दावे को किया खारिज

पिल्लई ने इशरत जहां केस में सरकार की तरफ से कोर्ट में दाखिल किए गए दो बिलकुल अलग एफिडेविट के बारे में कहा कि पहले एफिडेविट में ये शामिल था कि इशरत और उसके साथी लश्कर के आतंकी थे. जबकि दूसरे में इस बात को हटा दिया गया था.

पिल्लई ने राजेन्द्र कुमार के उस दावे को भी ख़ारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इशरत जहां केस में आईबी का मोराल डाउन नहीं किया गया होता तो शायद 26/11 जैसा आतंकी हमला भी नहीं होता.

पूर्व आईबी चीफ ने भी लगाए थे ऐसे ही आरोप

बता दें कि आईबी चीफ़ राजेन्द्र कुमार ने कुछ दिन पहले एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया था कि इशरत जहां केस में एक कांग्रेस नेता ने इन्वेस्टीगेशन एजेंसियों पर दबाव बनाया हुआ था. पिल्लई ने इस इंटरव्यू में भी इस बात को सही ठहराया है कि इशरत जहां केस की सीबीआई जांच पर ऊपर से दबाव था.

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