आरक्षण का हकदार कौन, निर्णय करे गैर राजनीतिक समिति: भागवत

हरियाणा में जाट समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग करने से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर कहा कि एक गैर राजनीतिक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए जो यह निर्णय ने कि आरक्षण किसे मिलना चाहिए.

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आरक्षण का हकदार कौन, निर्णय करे गैर राजनीतिक समिति: भागवत

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  • February 23, 2016 9:57 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
कोलकाता. हरियाणा में जाट समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग करने से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर कहा कि एक गैर राजनीतिक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए जो यह निर्णय ने कि आरक्षण किसे मिलना चाहिए. 
 
भागवत ने यह बात कोलकाता में चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सेशन में कही है. उन्होनें कहा, ‘बहुत से लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं, एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए जो यह निर्णय ले कि आरक्षण किसे मिलना चाहिए और इसका क्या पैमाना होना चाहिए. समिती गैर राजनीतिक होनी चाहिए ताकि किसी राजनीतिक पार्टी का स्वार्थ इसमें निहित न हों.  समाज के किस वर्ग को आगे लाना है और कितने समय के लिए उस निश्चित वर्ग को आरक्षण दिया जाए यह निर्णय भी कमेटी द्वारा ही लिया जाना चाहिए’. 
 
भागवत ने कहा, ‘‘समाज के किस वर्ग को आगे लाया जाए, उन्हें कब तक आरक्षण दिया जाए, इसे लेकर एक निश्चत योजना तैयार की जानी चाहिए. समिति को कार्यान्वयन के लिए अधिकार देने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि किसी खास जाति में जन्म लेने के कारण किसी व्यक्ति को मौका ना मिले, ऐसा नहीं होना चाहिए.
 
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आजादी के बाद बी आर अंबेडकर ने आर्थिक स्वतंत्रता पर और सामाजिक भेदभाव से आजादी पर जोर दिया था. अंबेडकर ने कहा था कि जब तक सामाजिक भेदभाव बना रहेगा, आरक्षण का मुद्दा रहेगा.
 
भागवत के इस बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भागवत हमेशा कॉन्ट्रोवर्शियल बातें बोलते हैं. उन्होंने पहले कहा था कि आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए और यह खत्म होना चाहिए. 

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