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मद्रास HC के जज करनन बोले, भारत में पैदा होने पर शर्मिंदा हूं

मद्रास हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने से नाखुश मद्रास हाईकोर्च के जज करनन ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुझे भारत में पैदा होने पर शर्म आती है. करनन ने आरोप लगाया कि वे पिछड़ी जाति से हैं इसलिए उनके साथ भेदभाव किया गया है.

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  • February 15, 2016 5:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. मद्रास हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने से नाखुश मद्रास हाईकोर्च के जज करनन ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुझे भारत में पैदा होने पर शर्म आती है. करनन ने आरोप लगाया कि वे पिछड़ी जाति से हैं इसलिए उनके साथ भेदभाव किया गया है.

SC की मद्रास हाईकोर्ट के जज को फटकार, केस देने से इनकार

बता दें कि जस्टिस जगदीश सिंह केहर और आर भानुमति की डिविजन बेंच ने सोमवार को यह आदेश दिया कि जस्टिस करनन को कोई भी केस न दिया जाए. इस पर विवादित जज ने सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों के खिलाफ एससी/एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी) एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराएंगे.

कोर्ट के निर्देश से पहले जस्टिस करनन ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी किए गए उनके ट्रांसफर के आदेश पर खुद ही स्टे लगा दिया था. करनन ने ट्रांसफर करने के लिए सीजीआई  टीएस ठाकुर से लिखित सफाई भी मांगी.

सुप्रीम कोर्ट के उन्हें केस दिए जाने पर रोक लगाए जाने पर करनन का कहना है कि मेरा ज्यूडिशियल पावर अब भी मेरा पास है. जज ने कहा कि मैं इस मामले में खुद संज्ञान लेते (सुओ-मोटो) चेन्नई पुलिस कमिश्नर को निर्देश दूंगा कि वे एफआईआर दर्ज कराएं.

करनन ने मद्रास हाईकोर्ट के सीनियर जज, चीफ जस्टिस संजय कौल पर प्रताड़ना और अपमान करने के मामले में केस दर्ज करने की धमकी देने का आरोप लगाया था. बता दें कि पिछले हफ्ते सीजीआई  की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने जस्टिस करनन का मद्रास हाई कोर्ट से कोलकाता हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. 

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