केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहरों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी है. इसमें कर्नाटक के मैसूर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बताया गया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस 9वां सबसे गंदा शहर है. रिपोर्ट में धनबाद को सबसे गंदा शहर बताया गया है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहरों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी है. इसमें कर्नाटक के मैसूर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बताया गया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस 9वां सबसे गंदा शहर है. रिपोर्ट में धनबाद को सबसे गंदा शहर बताया गया है.
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने टॉप-10 स्वच्छ शहरों की घोषणा करते हुए बताया कि मैसूर देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है, जबकि इसके बाद दूसरे नंबर पर पंजाब का चंडीगढ़ और तीसरे नंबर पर तिरुचिपल्ली है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को सर्वेक्षण में चौथा सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है. इसके बाद विशाखापत्तनम 5वें नंबर पर तो सूरत छठे नंबर पर है. स्वच्छ शहरों की सूची में राजकोट को 7वां स्थान मिला है, जबकि गंगटोक को 8वां. टॉप-10 के अंतिम दो शहरों में 9वें नंबर पर पिंपरी-चिंचवाड़ और आखिरी में ग्रेटर मुंबई को चुना गया है.
केंद्र सरकार ने इसके साथ ही देश के 10 सबसे गंदे शहरों की भी सूची जारी की है. इसमें झाखंड का धनबाद सबसे गंदा शहर बताया गया है. दूसरे नंबर पर असनसोल, तीसरे पर ईंटानगर, जबकि पटना को चौथा सबसे गंदा शहर चुना गया है.
यूपी के तीन शहरों ने सबसे गंदे शहरों की सूची में जगह बनाई है. मेरठ 5वां सबसे गंदा शहर तो गाजियाबाद 7वां और बनारस 9वां सबसे गंदा शहर है. इसके अलावा इस सूची में छत्तीसगढ़ का रायपुर छठे स्थान पर तो जमेशदपुर 8वें स्थान पर है. महाराष्ट्र के कल्याण डोम्बिविली को 10वां सबसे गंदा शहर चुना गया है.