JNU विवाद: क्या यही कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति है? शाह ने किया राहुल से सवाल

नई दिल्ली. बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) विवाद को लेकर सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रवैये पर तीखा हमला बोला. शाह ने कहा कि देश में किसी देश-विरोधी गतिविधि की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, “कोई भी नागरिक यह स्वीकार नहीं कर सकता कि देश के एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में एक आतंकवादी का पक्ष लिया जाए और देश-विरोधी नारे लगाए जाएं.”
शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं, उससे साबित हो गया है कि इनकी सोच में देशहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं हैं अमित ने राहुल गांधी से कुछ सवाल किए हैं.
क्या हैं सवाल?
  1. इन नारों का समर्थन करके क्या उन्होंने देश की अलागववादी शक्तियां से हाथ मिला लिया है?
  2. क्या वह फ्रीडम ऑफ स्पीच की आड़ में देश में अलगाववादियों को छूट देकर देश का एक और बंटवार करवाना चाहते हैं?
  3. क्या केंद्र सरकार का हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना राष्ट्रहित में होता है? क्या आप ऐसे राष्ट्रविरोधियों के समर्थन में धरना देकर देशद्रोही शक्तियों को बढ़वा नहीं दे रहे हैं?
  4. 1975 का आपातकाल क्या उनकी पार्टी के प्रजातांत्रिक मूल्यों को परिभाषित करता है और क्या वह श्रीमती इंदिरा गांधी की मानसिकता को हिटलर मानसिकता नहीं मानते?
  5. हाल में सियाचिन में देश की सीमा के प्रहरी सैनिकों के बलिदान को क्या वह इस तरह की श्रद्धांजली देंगे?
  6. 2001 में देश की संसद पर हुए आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरू का महिमा मंडल करने वालों और कश्मीर में अलगाववाद के नारे लगाने वालों को समर्थन देकर राहुल गांधी अपनी किस राष्ट्रभक्ति का परिचय दे रहे हैं?
क्या थे देश विरोधी नारे?
  • “पाकिस्तान जिंदाबाद”
  • “गो इंडिया गो बैक”
  • “भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जारी”
  • “कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जारी”
  • “अफ़ज़ल हम शर्मिन्दा है तेरे कातिल ज़िंदा हैं”
  • “तुम कितने अफजल मरोगे, हर घर से अफजल निकलेगा”
  • “अफ़ज़ल तेरे खून से इन्कलाब आयेगा”
राहुल ने क्या कहा था?
शनिवार को राहुल गांधी ने जेएनयू का दौरा किया था. राहुल ने कहा था कि छात्रों की आवाज़ दबाने वाले असल देशद्रोही हैं. जेएनयू प्रेसीडेंट कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी पर राहुल ने कहा था एक नौजवान ने अपनी बात रखी और सरकार उसे राष्ट्र विरोधी करार दे रही है.
क्या था मामला?
पिछले दिनों संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सह-संस्थापक मकबूल भट्ट की बरसी के मौके पर जेएनयू में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगे थे. छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर विद्यार्थियों को इस बाबत उकसाने का आरोप है, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी हुई. इस मामले को लेकर जेएनयू सुर्खियों में है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कन्हैया कुमार के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें शुक्रवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने देश-विरोधी नारेबाजी नहीं की थी.
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