जम्मू. जम्मू-कश्मीर का राजनैतिक गतिरोध अगले हफ्ते तक खत्म हो सकता है और राज्य में जल्द ही पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार काम करती नजर आ सकती है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन सरकार फरवरी खत्म होने से पहले राज्य में सरकार बन सकती है.
महबूबा अभी तक यह कह रही थीं कि वह मुख्यमंत्री पद तभी संभालेंगी जब केंद्र सरकार विश्वास बहाली के कुछ उपायों का ऐलान करेगी. लेकिन, अब लग रहा है कि उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाने का फैसला कर लिया है.
बीजेपी महासचिव महबूबा से करेंगे मूलाकात
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी महासचिव और जम्मू एवं कश्मीर में पार्टी मामलों के प्रभारी राम माधव, महबूबा मुफ्ती से बात करने के लिए अगले हफ्ते आने वाले हैं.
अलगवादियों से वार्ता को मंजूरी नहीं देगी बीजेपी
बीजेपी नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी महबूबा के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने की पूर्व शर्त के रूप में अलगवादियों से वार्ता को मंजूरी नहीं देगी. न ही आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (आफ्सपा) को आंशिक या पूरी तौर से वापस लेने पर सहमत होगी और न ही सेना से वे जमीनें खाली करने की बात का समर्थन करेगी जिन पर सेना का कब्जा है. बीजेपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “सच्चाई यह है कि गठबंधन बना हुआ है और हम जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने जा रहे हैं.”
महबूबा ने क्या कहा था?
महबूबा ने कहा था कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके पास उनके पिता (दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद) जैसे ‘मजबूत कंधे’ नहीं हैं. इस पर बीजेपी नेता ने कहा, “महबूबा को इस बात का हक है कि वह दोनों दलों से पूर्ण समर्थन को सुनिश्चित करें.”
उन्होंने कहा, “वह जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख के लिए केंद्र सरकार से रियायतें चाहती हैं. यही गठबंधन का एजेंडा भी कहता है. फिर भ्रम कहां है?”
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने क्या कहा?
नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी को इस बात में कभी कोई संशय नहीं रहा कि महबूबा सार्वजनिक तौर पर चाहे जो भी कहें, अंत में वह बीजेपी के साथ ही जाएंगी. उन्होंने महबूबा पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “महबूबा ने कहा था कि वह आगे नहीं जा सकतीं (गठबंधन के साथ) और फिर भी इसे तोड़ा नहीं. इसका क्या मतलब हुआ?”