धारवाड़. लांस नायक हनुमनथप्पा का आज उनके पैतृक आवास कर्नाटक के धारवाड़ जिले के बेटादुर गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हनुमनथप्पा के पार्थिव शरीर को करीब सुबह 10.30 बजे हनुमनथप्पा का बेटादुर गांव ले जाया गया. इससे पहले हनुमनथप्पा के शव को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए हुब्बली में रखा गया.
19वीं बटालियन के मद्रास रेजिमेंट के 33 साल के सैनिक अपने पीछे पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो साल की बेटी नेत्रा को छोड़ गए हैं.
कर्नाटक सरकार ने दिया 25 लाख का मुआवजा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हुनमनथप्पा की मौत पर गहरा दुख जताया. साथ ही यह भी कहा कि हनुमनथप्पा के अदम्य साहस को देश हमेशा याद रखेगा. इसके अलावा कर्नाटक सरकार ने जाबांज सिपाही हुनमनथप्पा के परिवार को कर्नाटक सरकार ने 25 लाख का मुआवजा और 6 एकड़ जमीन देने का ऐलान किया है.
पूरे देश में शोक की लहर
हनुमनथप्पा के निधन की खबर सुनते ही जहां एक तरफ पूरे देश में शोक की लहर फैल गई. तो वहीं दूसरी ओर उनके गांव में उनके घर के पास बडी संख्या में रिश्तेदार, दोस्त, ग्रामीण और मीडियाकर्मी जमा हो गये. इसके अलावा सिद्धरमैया उस वक्त आगामी 13 फरवरी को हेब्बल विधानसभा उपचुनाव के लिए बेंगलूरु में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर वीर जवान को श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर से चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गए बहादुर सैनिक लांस नायक हनमनथप्पा ने गुरुवार को सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली. हनुमनथप्पा को बचाने के लिए डॉक्टरों ने पूरजोर कोशिश की थी. लेकिन बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके शरीर पर इलाज और दवाओं का कोई असर नहीं हो पा रहा था.
उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी और वे कोमा में थे. गुरुवार को उनके ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी हो गई. डॉक्टरों ने बताया था कि उनके दोनों फेफडों में निमोनिया हो गया है. इसके अलावा उनके शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे. जिसके बाद गुरूवार को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल उनका निधन हो गया.