नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यपाल उत्प्रेरक प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं. उन्होंने राज्यपालों से आग्रह किया कि उन्हें कुछ इस तरह की विरासत छोड़ने के बारे में सोचना चाहिए जो उनके संबंधित राज्यों में उनके योगदान के रूप में याद किया जाए.
राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों के 47वें सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अपने सालों के अनुभव के कारण कोई राज्यपाल बनता है और उसका पद काफी प्रतिष्ठित होता है. पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “इसलिए वह राज्यों में प्रेरक प्रतिनिधि के रूप में काम कर सकते हैं, प्रक्रियाओं का हिस्सा बने उन्हें गति दे सकते हैं और सुधार सकते हैं.” मोदी ने कहा कि राज्यों में विकास की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ सहकारी, प्रतिस्पर्धी संघवाद में भी सहकारी संघवाद की भावना होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद हर हाल में लागू होना चाहिए और केंद्र सरकार व राज्य सरकारें टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करें. बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने सभी राज्यपालों से आग्रह किया कि वे अपना कार्यकाल समाप्त होने तक पीछे कुछ ऐसी विरासत छोड़ने के बारे में सोचें, जो राज्यों के लिए उनके योगदान के रूप में हो.” मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की एक मात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रही है.