दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है था कि मस्जिद और मंदिरों के बिना लाइसेंस वाले सारे लाइउस्पीकर पर बैन किया जाए क्योंकि इसे नॉइज पोल्यूशन होता है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है था कि मस्जिद और मंदिरों के बिना लाइसेंस वाले सारे लाइउस्पीकर पर बैन किया जाए क्योंकि इसे नॉइज पोल्यूशन होता है.
दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने कहा कि याचिका में उठाए गए सवालों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तमाम डायरेक्शन जारी कर रखे हैं.
इस मामले में जो मौजूदा नियम है उसके तहत पुलिस डील कर रही है और तमाम ऑर्डर जारी कर चुकी है. ऐसे में याचिकाकर्ता की दलील पर इस मामले में कोई भी आदेश पारित नहीं किया जा सकता.
अदालत ने कहा कि इस मामले में दोबारा आदेश की जरूरत नहीं है. अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस लाउड स्पीकर मामले में नियमों के उल्लंघन के मामले में पहले से ही कदम उठा चुकी है.
क्या है मामला
अदालत में अर्जी दाखिल कर दो याचिकार्ताओं ने कहा था कि राजधानी दिल्ली में मंदिरों और मस्जिदों बिना लाइसेंस वाले लाउडस्पीकरों को बैन करना के निर्देश जारी किया जाए.
याचिका में कहा गया है कि इन धार्मिक स्थलों पर सुबह से लेकर देर रात तक हाई वोल्यूम में लाउड स्पीकर बजाया जाता है जिसे बैन किया जाए. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार कानूनी प्रावधान को इस मामले में लागू करने में विफल रही है जिस कारण नॉइज पोल्यूशन हो रहा है.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता और उक्त धार्मिक स्थल के मौलवी के बीच मीटिंग कराई गई और मौलवी इस बात पर सहमत हो गए हैं कि लाउड स्पीकर का वोल्यूम कम कर दिया जाएगा.