लद्दाख. जम्मू और कश्मीर के लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर पर बर्फीले तूफान के कारण लापता हुए 10 जवानों की अब तक कोई खबर वहीं मिली है. जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा, ‘यह बहुत दुखद घटना है और हम देश के लिए ड्यूटी करते हुए जान न्यौछावर करने वाले इन जवानों को सैल्यूट करते हैं.’
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हादसे के बाद वायुसेना स्पेशल अभियान भी चला रही है. इसके लिए पाकिस्तान की ओर से मदद के आश्वासन दिए गए थे. बचावकर्मी खोजी कुत्तों की मदद से इन जवानों की तलाश में जुटे हुए हैं. वैसे,बचाव अभियान में जितनी देरी होगी, उतनी ही उनके बचने की संभावना कम होती जाएगी.
घटना पर गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि जवानों का लापता हो जाना एक दुखद घटना हैं. हमारी ओर से जवानों को खोजने की पूरी कोशिश की जा रही हैं और उम्मीद है कि यह ऑपरेशन जल्द ही पूरा हो जाएगा.
कब घटी यह घटना?
रिपोर्ट्स के मुताबिक जवानों के साथ यह हादसा तब हुआ जब वह जमीन से 19000 फुट की ऊचांई पर पेट्रोलिंग कर रहे थे. सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने बताया कि बुधवार को सियाचिन ग्लेशियर के दक्षिणी हिस्से में सैनिकों का गश्ती दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया जिसमें 10 सैनिक लापता हैं. इनमें एक जूनियर कमिशन अधिकारी (जेसीओ) भी है.
बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है. यहां बहुत खराब मौसम में भी बहादुर सैनिक इस हिस्से की हिफाजत करते हैं. यहां ठंड में तापमान शून्य से नीचे 50 डिग्री तक चला जाता है.