नई दिल्ली. नई दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन (IIMC) में जातीय भेदभाव से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दलित-आदिवासी कम्युनिटी से संबंध रखने वाले कुछ स्टूडेंट्स की शिकायत के बाद IIMC प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
रोहित वेमुला आंदोलन को सपोर्ट करने की वजह से शुरू हुई छींटाकशी
पूरे देश में रोहित के पक्ष में जारी आन्दोलन को IIMC के भी SC/ST छात्रों ने सपोर्ट करना शुरू किया जो संस्थान के ही कुछ सवर्ण छात्रों को बुरा लगा. दलित स्टूडेंट्स का आरोप है कि उनके ही कुछ सवर्ण साथियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिये उन पर अभद्र कमेन्ट किये.
छात्रों का आरोप है कि मामला सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तक ही नहीं रहा. इन सवर्ण स्टूडेंट्स ने कैंपस के अंदर भी अभद्र और जातिवादी कमेंट्स शुरू कर दिए. इसी ग्रुप के एक लड़के ने रिजर्वेशन को लेकर फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट लिख दी जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया.
एससी-एसटी आयोग ने मामले पर आईआईएमसी से जवाब मांगा
इसके बाद दलित समुदाय के स्टूडेंट्स ने SC/ST कमीशन से इसकी लिखित शिकायत कर दी. कमीशन ने इस बाबत जब IIMC से जवाब मांगा तो पता चला कि संस्थान में अभी तक कोई SC/ST सेल भी नहीं है.
फिलहाल आयोग की दखलंदाजी के बाद IIMC ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जिस छात्र पर आरोप लगा है उसने IIMC प्रशासन से लिखित में माफ़ी मांग ली है. हालांकि SC/ST छात्रों की मांग है कि दोषी लड़के और उसके साथियों को संस्थान से रेस्टिकेट कर उचित कार्रवाई की जाए.