सुप्रीम कोर्ट की गुजरात सरकार को फटकार, केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली. देश में 12 राज्यों में सूखे के हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार लगाई है. कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा है कि राज्य में सूखे की स्थिति से निपटने और लोगों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. कोर्ट ने इस बाबत केंद्र से 10 फरवरी तक जवाब मांगा है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा है कि वो सूखे से पीड़ित लोगों को फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश कर कहा है. फिलहाल वो इस योजना को लागू नहीं पर पाया है और न ही राज्य को सूखा घोषित किया है.

गुजरात सरकार को फटकार

कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस जवाब पर उसे फटकार लगाते हुए कहा है कि क्या गुजरात कोई अनूठा राज्य है ? क्या संसद का बनाया कानून गुजरात पर लागू नहीं होता ? क्या देश का कोई राज्य ये कह सकता है कि संसद का कानून वो नहीं मान सकता, क्यों उसे इसे लागू करने में परेशानी हो रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि कल कोई राज्य सीआपीसी या आईपीसी को भी इसी आधार मानने से इंकार कर सकता है. क्या गुजरात देश का हिस्सा नहीं है ? आज गुजरात ने कहा है, कल दूसरे राज्य भी ये ही कहेंगे.

हरियाणा से भी पूछे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से भी पूछा है कि उन्होंने अभी तक राज्य को सूखाग्रस्त घोषित क्यों नहीं किया है. कोर्ट ने पूछा है कि पिछले साल राज्य में कितनी बारिश हुई है.

यूपी ने बुंदेलखंड ही क्यों सूखाग्रस्त घोषित किया- कोर्ट

वहीं उत्तर प्रदेश पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि यूपी सरकार ने केवल बुंदेलखंड को ही सूखाग्रस्त क्यों घोषित किया है, बाकी हिस्सों को क्यों नहीं किया.

केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो जवाब दाखिल कर बताए की सभी राज्यो में समाज कल्याणकारी योजनाओं का स्टेट्स क्या हैं. क्या लोगों को जरूरत की चीजें मिल रही है या नहीं. बैंक लोन और पानी की सुविधा को लेकर राज्य क्या कर रहे हैं.  

केंद्र सरकार को ये भी बताना है कि क्या समाज कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी के लिए एम सी सक्सेना और हर्ष मंदर को कोर्ट कमिशनर नियुक्त कर सकते है या नहीं.

क्या है मामला

दरअसल देश के 12 राज्यों में सूखे के हालात को लेकर स्वराज अभियान की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिका में मांग की गई है कि देश के 12 राज्य भीषण सूखे की चपेट में हैं ऐसे में लोगों को सूखे से निजात दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट राज्यों के साथ केंद्र सरकार को भी उचित कार्रवाई का आदेश दे.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि वो सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बैठक कर बताए कि ऐसे हालातों में फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत लोगों को मनरेगा, दाल, अंडा, दूध और अन्य चीजें मुहैया कराई जा रही हैं या नहीं.  

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