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डिजिटल इंडिया बड़े कारोबारियों के हितों का दूसरा शब्द न बन जाए: राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नेट निरपेक्षता के मुद्दे पर अभी तक कोई सुसंगत नीति नहीं बना सकी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम बड़े औद्योगिक घरानों के हितों की रक्षा करने वाला दूसरा शब्द भर बनकर न रह जाए.

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  • February 1, 2016 4:42 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नेट निरपेक्षता के मुद्दे पर अभी तक कोई सुसंगत नीति नहीं बना सकी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम बड़े औद्योगिक घरानों के हितों की रक्षा करने वाला दूसरा शब्द भर बनकर न रह जाए.
 
राहुल ने एक बयान में कहा, “नैस्काम (सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का शीर्ष निकाय) नेट निरपेक्षता मांग रहा है, 500 स्टार्ट अप उद्यमी इसके लिए गुहार लगा रहे हैं, देश के नौजवान इसे मांग रहे हैं, इसके बावजूद हमारी एक ऐसी सरकार है जो लगातार विचार-विमर्श की बात की आड़ में इस पर कोई भी साफ नीति बनाने में देरी कर रही है.”
 
राहुल ने कहा कि उनकी कांग्रेस पार्टी हमेशा से इंटरनेट की आजादी और नेट निरपेक्षता की पक्षधर रही है. उनकी पार्टी का कहना है कि ‘इंटरनेट सर्विस प्रदाता (आईएसपी), दूरसंचार सर्विस प्रदाता (टीएसपी) और सरकार को इंटरनेट पर समस्त डाटा को एक समान मानना चाहिए.’
 
राहुल ने कहा, “कांग्रेस और उनकी खुद की राय इस विश्वास से बनी है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले को यह हक होना चाहिए कि वह जिस भी वेबसाइट को चाहे, खोल सके.” उन्होंने कहा कि लाखों भारतीयों की तरह वह भी एक स्वतंत्र इंटरनेट के पक्ष में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और इसके पक्ष में ट्राई की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

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