रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन शुक्रवार को 'बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी' के साथ खत्म हुआ. विजय चौक पर इस साल पैरा मिलिट्री फोर्स को भी सेरेमनी में शामिल किया गया था. इससे पहले तीनों सेनाओं के रेजीमेंटल सेंटर, बटालियन और बैंड ही हिस्सा लेते थे.
नई दिल्ली. रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन शुक्रवार को ‘बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी’ के साथ खत्म हुआ. विजय चौक पर इस साल पैरा मिलिट्री फोर्स को भी सेरेमनी में शामिल किया गया था. इससे पहले तीनों सेनाओं के रेजीमेंटल सेंटर, बटालियन और बैंड ही हिस्सा लेते थे.
इस बार बीटिंग रिट्रीट में 15 मिलिट्री बैंड और 21 पाइप एंड ड्रम बैंड हिस्सा लिया. सेरेमनी में पहली बार क्लासिकल इंडियन म्यूजिक और इंस्ट्रूमेंट्स बजाए. इस साल की बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में कुल 26 धुनें बजाई गईं. इसमें 20 इंडियन म्यूजिशियन ने तैयार की थी.
प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी अपनी पारंपरिक बग्गी से विजय चौक पहुंचे. नरेन्द्र मोदी, डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के चीफ ऑफ स्टाफ और कई देशों के एंबेसडर और गेस्ट मौजूद रहे.
क्या है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी
दुनियाभर के देशों में बीटिंग द रिट्रीट की पुरानी परंपरा है. जब पारंपरिक युद्ध के दौरान सेनाएं दिन ढलने पर अपने वेपन्स को रखकर अपने कैंपों में जातीं थी तब वहां म्यूजिकल सेरेमनी होती थी. भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने अपना खुद का मास्ड बैंड तैयार किया था.