नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। अल्पसंख्यक हिंदुओ की हालात इतने बुरे हैं कि अपनी जान बचाने के लिए उन्हें मजबूरन भारत में घुसपैठ करनी पड़ रही है। अब बांग्लादेश की एक 13 साल की हिंदू लड़की कथित तौर पर त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत में […]
नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। अल्पसंख्यक हिंदुओ की हालात इतने बुरे हैं कि अपनी जान बचाने के लिए उन्हें मजबूरन भारत में घुसपैठ करनी पड़ रही है। अब बांग्लादेश की एक 13 साल की हिंदू लड़की कथित तौर पर त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत में घुसने की कोशिश कर रही थी। सीमा सुरक्षा बल की गोलीबारी में वह मारी गई।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मंगलवार की रात बीएसएफ ने लड़की का शव बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया। लड़की का नाम स्वर्णा दास था। बीएसएफ की गोलीबारी में उसकी मौत हो गई। शव सौंपे जाने की पुष्टि करते हुए कुलौरा थाना के प्रभारी बिनय भूषण रॉय ने बताया कि जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद शव लड़की के परिवार को लौटा दिया गया। बीजीबी सेक्टर कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल मिजानुर रहमान शिकदर ने बताया कि किशोरी को बीएसएफ कर्मियों ने उस समय गोली मार दी, जब वह और उसकी मां रविवार रात कुलौरा उपजिला से भारत में घुसपैठ कर रहे थे।
लड़की पश्चिम जुरी संघ के जुरी उपजिला के अंतर्गत कलानिगर गांव की निवासी पोरेंद्र दास की बेटी है। पोरेंद्र ने बताया कि स्वर्णा और उसकी मां त्रिपुरा में रहने वाले अपने सबसे बड़े बेटे से मिलने के लिए अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें 2 स्थानीय दलालों से मदद मिली। रविवार रात करीब 9 बजे जब वे भारतीय सीमा पर पहुंचे तो बीएसएफ कर्मियों ने गोलियां चला दीं, जिससे स्वर्णा की तुरंत मौत हो गई। स्वर्णा की मां गोली लगने से बाल-बाल बच गई। इस दुखद घटना से आक्रोश फैल गया है और सीमा क्षेत्र में सख्ती बढ़ा दी गई है।
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