यूपी के गोरखपुर में भटहल ब्लाक में विधवा पेंशन और राशन कार्ड के नाम पर महिला से शोषण की ऐसी सजा भुगतनी पड़ी जिसकी कल्पना करना से भी सरल नहीं है. यह घटना ना केवल गांव में पनप रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलती है बल्कि लालच व संवेदनशीलता की पराकाष्ठा को भी बयां करती है.
गोरखपुरः शहर के भटहट ब्लाक के 13 लोगों को भ्रष्टाचार की ऐसी सजा भुगतनी पड़ी जसकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता. एक विधवा का राशन कार्ड और पेंशन के काजग बनवाने के बहाने उसका यौन शोषण करने वाले सभी लोग एड्स का शिकार हो गए. मामला भटहट से सटे एक गांव का है. इसकी जानकारी के बाद आसपास के सभी लोग सकते में हैं. यह घटना गांव में पनप रहे भ्रष्टाचार को तो दर्शाती है साथ ही इस बात का भी उदाहरण है कि आज के समय में मानवता तो जैसे कहीं खो गई है.
दरअसल युवा उम्र में ही विधवा हुई गांव की एक महिला राशन कार्ड व विधवा पेंशन के कागज बनवाने के लिए गांव के प्रधान के पास पहुंची थी. महिला के आगे पीछे कोई नहीं है ये जानकर प्रधान ने इस बात का फायदा उठाया. महिला को प्रधान के पास रोजगार सेवक लेकर पहुंचा था. प्रधान ने महिला को सेक्रेटरी से मिलवाया. बीच में करीब नौ बिचौलिए जो प्रधान से लेकर रोजगार सेवक से परिचित थे, उन सबने महिला को राशन कार्ड और पेंशन का आश्वासन दिया. सभी ने महिला का जमकर शोषण किया.
तीन महीने बाद जब महिला बीमार हुई तो प्रधान ने उसे एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया. इलाज का असर नहीं हुआ तो खून जांच कराई. जांच में पता लगा कि महिला एचआईवी संक्रमित है. ये बात पता चलते ही प्रधान, बिचौलियों समेत सबके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. यकीन नहीं हुआ तो महिला को जांच के लिए बीआरडी अस्पताल ले गए वहां भी एड्स की पुष्टि कर दी गई. इसके बाद महिला का शोषण करने वाले प्रधान, सेवक, सेक्रेटरी एक-एक करके सबने अपनी जांच कराई तो पता लगा कि सभी एड्स से पीड़ित है.
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