नई दिल्ली : ‘ट्वेल्थ फेल’ फिल्म शुक्रवार 27 अक्टूबर को थिएटर में रिलीज होने जा रही है.विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित इस फिल्म में एक छात्र के संघर्ष और जज्बे की कहानी है। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता जो ट्वेल्थ फेल फिल्म का निष्कर्ष है। यह फिल्म एक आईपीएस अफसर की कहानी बयां करेगी. फिल्म में विक्रांत मेसी मुख्य रोल में नजर आने वाले हैं.
इस फिल्म की कहानी अनुराग पाठक द्वारा उनके दोस्त मनोज कुमार शर्मा पर लिखी गयी किताब ‘ट्वेल्थ फेल – हारा वही जो लड़ा नहीं’ पर आधारित है. एक बेस्ट सेलिंग किताब को फिल्म के द्वारा दर्शकों तक पहुंचना इस कठिन परीक्षा में फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा डिस्टिंक्शन के साथ उत्तीर्ण हुए हैं.
आधुनिक समय में जहाँ मार्कशीट और फर्राटेदार अंग्रेजी के द्वारा लोगों को जज किया जाता है वहीँ दूसरी और मुश्किल इरादों के साथ मध्य प्रदेश के चंबल से निकलकर आईपीएस अफसर बनने वाले मनोज कुमार की कहानी के साथ फिल्म ’12वीं फेल’ हमें रियल मायने में जिंदगी की परीक्षा में उत्तीर्ण होने का जज्बा सिखाती है.
विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म पढ़ाई के महत्व को उजागर करती है. आज के समय में जहाँ दुनिया सोशल मीडिया में लाइक, शेयर, सब्सक्राइब में सिमट रही है. ऐसे में इस फिल्म का आना किसी पथ प्रदर्शक से कम नहीं है.
यह फिल्म लेखक अनुराग पाठक की पुस्तक ’12th फेल’ पर आधारित है। फिल्म का टाइटल भी सेम ही रखा गया है। फिल्म का मुख्य सार यही है कि ‘हारा वही है जो लड़ा नहीं’। मध्य प्रदेश के चंबल के एक छोटे से गांव में रहने वाले मनोज कुमार शर्मा (विक्रांत मैसी) के गांव में पास पास होने का एक मात्र तरीका सिर्फ नकल है. ऐसे में 12 वीं की परीक्षा के दौरान पीसीएस अफसर (प्रियांशु चटर्जी) की रेड पड़ती है और मनोज की दुनिया ही बदल जाती है. वहां पर पीसीएस अफसर को देख 12 वीं फेल मनोज ये संकल्प लेता है कि उसे जीवन में पीसीएस अफसर बनना है. अब चंबल का यह लड़का आईपीएस का रुख क्यों करता है इसके लिए आपको थिएटर में ’12 वीं’ फेल देखनी होगी.
’12 वीं’ फेल फिल्म हमें प्रेरणा देती है. जिंदगी में कुछ भी नामुकिन कुछ भी नहीं है. जब हम जिंदगी के किसी भी मोड़ पर रुक जाएं तो रुकने की नहीं बल्कि रीस्टार्ट करने की आवश्यकता है.
फिल्म निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने एक किताब को फिल्म के जरिए लोगों के बीच लाने के लिए एक प्रभावशाली तरीके से इस स्क्रीनप्ले किया है. इस कहानी से ऐसा लगता है की निर्देशक भविष्य में वास्तविक कहानियों पर आधारित फिल्म बनाएंगे। इस फिल्म को बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी विधु विनोद चोपड़ा ने.
दमदार संवाद के साथ फिल्म की कहानी को दर्शाया गया है. इस फिल्म को वास्तविक सच्चाई के साथ दिखाया गया है क्रिएटिव के तौर पर मनोज-श्रद्धा की लव स्टोरी को भी रखा गया है. यह फिल्म लड़ाई की नहीं इमोशंस की है और इस फिल्म में विक्रांत मेसी ने शानदार इमोशन के साथ अभिनय किया है.
बता दें इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर रंगराजन रामभद्रन हैं. फिल्म की एडिटिंग खुद विधु विनोद चोपड़ा ने की है. फिल्म के सभी वास्तविक दृश्यों को फिल्म में रखा गया है जैसे चम्बल का छोटा सा गांव हो, मनोज का घर हो या फिर दिल्ली का मुखर्जी नगर हो. फिल्म के सभी गानों में बैकग्राउंड म्यूजिक का बेहद शानदार काम किया गया है.
वाकई मनोज ने 12वीं फेल होकर भी दुनिया पलट दी. समय मनोज मुंबई में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर हैं. वहां पर लोग इसको सिंघम कहकर बुलाते हैं. उनकी पत्नी बन चुकी श्रद्धा जोशी इन दिनों महाराष्ट्र राज्य में महिला आयोग की सचिव हैं।
प्रकाश झा द्वारा निर्देशित वेब सीरीज आश्रम 2020 में बॉबी देओल मुख्य भूमिका में नजर…
भव्य महाकुंभ के मेले दुनियाभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दौरान त्रिवेणी संगम पर आस्था…
उत्तर प्रदेश के इटावा में एक किशोर को जबरन किन्नर बनाने का मामला सामने आया…
गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफा मांगने वाली मांग का भी जवाब दिया।…
परीक्षा पे चर्चा 2025' के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के इच्छुक छात्र 14 जनवरी 2025 तक…
जेपीसी इस बिल पर सभी सियासी दलों के प्रतिनिधियों के साथ गहन चर्चा करेगी। बताया…