कोलकाता. दिग्गज तबला वादक शंकर घोष का शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया है. उनके परिवार का कहना है कि वह पिछले एक महीने से गंभीर रूप से बीमार थे. 80 वर्षीय घोष के परिवार में उनकी पत्नी संयुक्ता घोष हैं, जो पटियाला घराने की हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका हैं और उनके बेटे विक्रम घोष हैं, जो ख्यातिप्राप्त तालवादक हैं.
पंडित शंकर घोष का नाम देश के मशहूर तबला वादकों में शुमार है. उन्हें साल 1999-2000 में प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के फरुर्खाबाद घराने के घोष की दिसंबर के मध्य में हृदयरोग संबंधी समस्याओं के कारण एंजियोप्लास्टी हुई थी. लेकिन उसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ने लगी. बुधवार से वह वेंटिलेटर पर थे. घोष ने कई देशों में अपनी कला की छटा बिखेरी. उन्होंने सितार वादक पंडित रवि शंकर, उस्ताद विलायत खान और वायलिन वादक वी.जी. जोग जैसे दिग्गजों के साथ भी प्रस्तुति दी.
घोष को 1999-2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया था, यही नहीं मंच पर समूह तबला वादन की संकल्पना का श्रेय भी घोष को ही जाता है. पंडित रविशंकर और उस्ताद विलायत खान के साथ साथ वायलन वादक पंडित वीजी जोग जैसे कई दिग्गज शास्त्रीय संगीतकारों के साथ घोष ने कई देशों में कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी थी जिसे बहुत अच्छी समीक्षा हासिल हुई.
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