नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी 100 फाइलों को सार्वजनिक करेंगे. इन सभी फाइलों की डिजिटल कॉपी को नेशनल आर्काइव में रखा जाएगा. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह और नेताजी का पूरा परिवार होगा.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय मुताबिक 23 जनवरी को नेताजी की जयंती के मौके पर पीएम मोदी इन फाइलों की डिजिटल कॉपी सार्वजनिक करेंगे. इससे इन फाइलों को सुलभ कराने के लिए लंबे समय से चली आ रही जनता की मांग पूरी होगी. यही नहीं, इससे नेताजी की मौत पर आगे और रिसर्च करने में भी सुविधा होगी.
नेताजी के बारे में वो सच जो आज भी है अधूरा
पहली थ्योरी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त 1945 को ताइपेई में एक विमान हादसे में मौत हुई.
दूसरी थ्योरी. नेताजी चीन के रास्ते रूस पहुंचे और बाद में रूस में उनकी हत्या कर दी गई.
तीसरी थ्योरी. क्या नेताजी गुपचुप तरीके से भारत लौट आए और फैजाबाद में गुमनामी बाबा की तरह रहे.
आजाद हिंद फौज की 990 फाइलें 1997 में मिली थीं
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को साल 1997 में रक्षा मंत्रालय से इंडियन नेशनल आर्मी (आजाद हिंद फौज) से संबंधित 990 फाइलें प्राप्त हुई थीं और साल 2012 में खोसला आयोग (271 फाइलें) और न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग (759 फाइलें) से संबंधित कुल 1030 फाइलें गृह मंत्रालय से प्राप्त हुई थीं. ये सभी फाइलें सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 के तहत जनता के लिए पहले से ही उपलब्ध हैं.
बता दें कि पीएम मोदी ने नेताजी के रिश्तेदारों से 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी फाइलों को डिक्लासिफाइड किए जाने का वादा किया था. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया था. इसके बाद केंद्र के पास रखी फाइलों को भी सार्वजनिक करने की मांग तेज हो गई थी. यही नहीं इससे नेताजी की मौत की सच्चाई देश के सामने आ सकती है.