देश में ‘असहिष्णुता’ के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा चुके 10 साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी की अपील पर अपने पुरस्कार वापस लेने की घोषणा की है. पुरस्कार वापस लेने वालों में प्रख्यात लेखिका नयनतारा सहगल भी शामिल हैं. नयनतारा सहगल ने सम्मान वापस लेने के संदर्भ में सफाई देते हुए कहा है कि साहित्य अकादमी के नियमों के तहत सम्मान वापस नहीं लौटा सकते. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे बयान का गलत अर्थ निकाल रहे हैं.
नई दिल्ली. देश में ‘असहिष्णुता’ के विरोध में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा चुके 10 साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी की अपील पर अपने पुरस्कार वापस लेने की घोषणा की है. पुरस्कार वापस लेने वालों में प्रख्यात लेखिका नयनतारा सहगल भी शामिल हैं.
नयनतारा सहगल ने सम्मान वापस लेने के संदर्भ में सफाई देते हुए कहा है कि साहित्य अकादमी के नियमों के तहत सम्मान वापस नहीं लौटा सकते. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे बयान का गलत अर्थ निकाल रहे हैं.
नयनतारा सहगल ने ही असहिष्णुता के मामले पर सबसे पहले अपना पुरस्कार लौटाया था. इसके बाद इस मुहिम में कई साहित्यकारों सहित कई फिल्मकार और पेंटर भी शामिल हो गए थे.
क्यों लौटाए थे पुरस्कार
दिल्ली के नजदीक दादरी में गोमांस रखने की आशंका में 50 वर्षीय अखलाक की हत्या, उससे पहले कर्नाटक में तर्कवादी एमएम कलबुर्गी और महाराष्ट्र में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या किए जाने के विरोध में लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए थे.