नई दिल्ली. बीआरटी (बस रैपिड ट्रांजिट) कॉरिडोर आज तोड़ा जाएगा. सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में पिछले दिनों दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में इसको तोड़ने का फैसला किया गया था. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया खुद दोपहर दो बजे सांकेतिक रूप से पहला हथौड़ा बीआरटी पर चलाकर इसको हटाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इसको तोड़ने के लिए 11 करोड़ रुपए का फंड निर्धारित किया गया है.
150 करोड़ की लागत से बना था BRT
बीआरटी कॉरीडोर का कंस्ट्रक्शन शीला दीक्षित सरकार ने कराया था. इसे बनाने में 150 करोड़ की लागत आई थी. इसका निर्माण बसों को बिना ट्रेफिक लाइट के चलने के लिए किया गया था.
दो चरणों में होगा काम पूरा
19 जनवरी से शुरू होने वाला बीआरटी हटाने का काम दो चरणों में पूरा होगा. पहले एक महीने में इसमें सभी बाधाएं हटाई जाएंगी और उसके बाद दूसरे चरण में इसको री-डिजाइन करके आधुनिक शक्ल दी जाएगी.
सुविधा की जगह समस्या खड़ी की BRT ने
दिल्ली सरकार मानती है बीआरटी एक अच्छा कांसेप्ट तो है लेकिन जिस जगह पर इसको लागू किया गया वह सही नहीं थी इसलिए यह जब से बना तभी से कार वाले या बाइक वाले तो परेशान थे ही साथ ही बस में चलने वाले वह लोग भी परेशान थे जिनके लिए यह मूल रूप से बना था. इसमें जाम ही इतना लग जाता है कि वाहन कोई भी हो, समय सबका बर्बाद होता है.
फरवरी तक पूरा किया जाएगा काम
दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा था कि मूलचंद से अंबेडकर नगर के बीच 5.8 किलोमीटर लंबे बीआरटी कॉरिडोर को हटाने का काम फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा. जैन ने कहा था कि ऑड-ईवन योजना पूरी होने के बाद सरकार दक्षिणी दिल्ली में बीआरटी कोरिडोर हटाना शुरू करेगी.