स्कूलों में मैनजमेंट कोटा रद्द करने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ प्राईवेट स्कूल हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले पर सुनवाई की मांग की है. नर्सरी एडमिशन पर बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली सरकार ने एडमिशन के लिए सिर्फ गरीब कोटा रखने का फैसला लिया है.
नई दिल्ली. स्कूलों में मैनजमेंट कोटा रद्द करने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ प्राईवेट स्कूल हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. दिल्ली के 400 पब्लिक स्कूलों की एक्शन कमेटी ने हाई कोर्ट मे दिल्ली सरकार के मैनेजमेंट कोटे को खत्म करने के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के पास प्राइवेट स्कूलों को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार ही नहीं है.
याचिका में दिल्ली सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा गया है की प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट ही एडमिशन किस आधार पर हो, इसका अधिकार रखती है, जिसमें गांगुली कमेटी की सिफ़ारिशों का भी हवाला दिया गया है.
प्राइवेट स्कूलो की स्वायत्तता को सरकार किस आधार पर खत्म कर सकती है, जबकि 2007 के नोटिफिकेशन मे खुद दिल्ली सरकार और LG ने स्कूलों के मैनेजमेंट कोटे को 20 फीसदी तक रखा है. इस मामले पर कोर्ट में सोमवार सुनवाई हो सकती है.
क्या है मामला
नर्सरी एडमिशन पर बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली सरकार ने एडमिशन के लिए सिर्फ गरीब कोटा रखने का फैसला लिया है. इसी के साथ नर्सरी एडिमशन में 25 फीसदी सीटें आर्थिक पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व रहेंगी जबकि 75 फीसदी सीटें आम लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगी.
मैनेजमेंट कोटा सबसे बड़ा घोटाला- केजरीवाल
नर्सरी एडमिशन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि मैनेजमेंट कोटा सबसे बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा था कि अगर स्कूल नहीं माने तो सरकार स्कूलों का अधिग्रहण करेगी. केजरीवाल ने कहा कि ये अहम फैसला स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी और लोगों के फायदे के लिए किया गया है.