नई दिल्ली. दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने बिहार स्थित जिस यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री लिए जाने का दावा किया था, उसकी ओर से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया है कि उनका प्रोविजनल सर्टिफिकेट जाली है और संस्थान में उससे जुड़ा कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट अदालत के सामने रखते हुए कहा कि प्रोविजनल सर्टिफिकेट में जो सीरियल नंबर दर्ज है, उस पर किसी दूसरे व्यक्ति का नाम दिख रहा है, तोमर का नहीं.
इसके मुताबिक तोमर को प्रोविजनल सर्टिफिकेट जाली है और वह यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है. यूनिवर्सिटी की ओर से जस्टिस राजीव शखधर की बेंच के सामने दाखिल एफिडेविट में यह बात कही गई है. यूनिवर्सिटी की ओर से यह जवाब उस याचिका पर जारी नोटिस पर दिया गया जिसमें तोमर पर झूठी और नकली ग्रैजुएशन डिग्री के आधार पर एडवोकेट के तौर पर अपना नामांकन करवाने का आरोप लगाया गया था. अदालत ने इस मुद्दे पर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी (यूपी) से भी जवाब मांगा था, जहां से कानून मंत्री ने साइंस से ग्रैजुएट होने का दावा किया है. दिल्ली बार के सदस्यों की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्हें अवध यूनिवर्सिटी से जानकारी मिली है कि तोमर की वह डिग्री भी झूठी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा है, विकास की जीत! सुशासन की जीत! एकजुट होकर…
महेश चौगुले पहली बार 2015 में विधायक बने थे और वह पिछले तीन बार से,…
जेएमएम के नेतृत्व वाला गठबंधन 56 सीटें जीतता हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं, बीजेपी…
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे शनिवार को आ गए, लेकिन चुनाव के दौरान इस्लामिक…
नई दिल्ली: यूपी की विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव में से बीजेपी ने 5…
इस चुनाव में असली टेस्ट तो राहुल गांधी का हुआ। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में…