देश में बढ़ते यौन अपराधों पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संसद को बच्चियों के साथ यौन अपराध को लेकर ठोस और कड़े कानून बनाने की जरूरत है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नपुंसक बनाने को लेकर कोई आदेश देने से इंकार कर दिया है.
नई दिल्ली. देश में बढ़ते यौन अपराधों पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संसद को बच्चियों के साथ यौन अपराध को लेकर ठोस और कड़े कानून बनाने की जरूरत है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नपुंसक बनाने को लेकर कोई आदेश देने से इंकार कर दिया है. बता दें कि यौन हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें मांग की गई है कि बच्चों से रेप करने के दोषियों को नपुंसक बना दिया जाए.
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट महिला अधिवक्ता एसोसिएशन ने अपनी महासचिव प्रेरणा कुमारी के जरिये दाखिल की गई थी. याचिका में उन्होंने मांग की है कि कानून मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि बच्चों से रेप करने के दाषियों पर कारावास की सजा देने के साथ नपुंसक बनाने का अतिरिक्त दंड और लगाया जाए.