नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असहिष्णुता की पृष्ठभूमि पर रविवार को कहा कि भारत ने हमेशा आध्यात्मिकता पर जोर दिया है न की सांप्रदायिकता पर. उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि दुनिया भारत को समझ नहीं पाई है.
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुंबई में एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “भारत ऐसा राष्ट्र है, जिसने विश्व को किसी खास संप्रदाय से बांधने का प्रयास नहीं किया. हम ऐसे लोग है, जिन्हें विश्व ने संभवत: उस तरह से नहीं समझा, जिस तरह से समझा जाना चाहिए था.”
पीएम मोदी ने जैन संत अजैन संत आचार्य रत्नसुंदरसुरश्वरजी की ‘मारू भारत, सारू भारत’ पुस्तक को जारी करने के अवसर पर संत को महान समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक नेता बताया जिन्होंने विभिन्न पुस्तकों के जरिये ब्रह्मांड की सभी अवधारणओं और वस्तुओं के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं.