सरकार ने अफवाहों से बचने को कहा, राज्यसभा ने शोक जताया

नई दिल्ली. भूकंप के संबंध में सोशल मीडिया और संदेशों के द्वारा जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लोगों को उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए. यह बात केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कही. इसके साथ ही राज्यसभा ने नेपाल में लोगों की मौत पर शोक जताया. रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, “सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं कि रात के नौ बजे भूकंप आएगा, या आठ बजे भूकंप आएगा.”

रविशंकर ने कहा, “इस तरह की अफवाहों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए. इनका कोई आधार नहीं है और अगर किसी प्रकार की आधिकारिक सूचना होगी (भूकंप के संबंध में) तो सरकार इस पर कार्रवाई करेगी.” सोशल मीडिया और संदेशों के माध्यम से भूकंप आने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, साथ ही भूकंप के आने का अनुमानित समय भी बताया जा रहा है. राज्यसभा ने नेपाल के भूकंप में मारे गए लोगों की मौत पर शोक जताया. साथ ही नेपाल के लोगों की सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की. सदस्यों ने राहत एवं बचाव कार्यो के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना भी की.

नेपाल में शनिवार को 7.9 तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें अबतक 2,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 5000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस विनाशकारी जलजले के बाद भी नेपाल में भूकंप के झटके लगते रहे. इस विनाशकारी भूकंप में जान-माल की भारी क्षति हुई है. राज्यसभा के सभापति एम हामिद अंसारी ने कहा कि सदन नेपाल के मित्रवत लोगों के साथ एकजुट खड़ा है. जैसे ही यह मुद्दा सदन में उठा तो संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “भूकंप ने नेपाल में भयानक तबाही मचाई है. भारत मदद के लिए तैयार है और हमने अतिशीघ्र कार्रवाई की है.”

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, “क्षति अकल्पनीय है.” उन्होंने कहा कि नेपाल से लोगों को निकालने के लिए उत्तर प्रदेश ने कई बसें तैनात की हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा, “सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में रिक्त स्थानों पर भर्ती करनी चाहिए.” राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पड़ोसी देश नेपाल से मैत्रीपूर्ण रिश्तों का हवाला दिया और शोक व्यक्त किया.  उन्होंने कहा, “सरकार को सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि देश के कई हिस्से भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं.” उन्होंने कहा, “देश में जिला और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन की व्यवस्था होनी चाहिए.”

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आपदा को लेकर सरकार की तुरत कार्रवाई की सराहना की. इस भूकंप के झटके बिहार और उत्तर प्रदेश में भी महसूस किए गए. मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सांसदों को राहत भेजने में सहायता करनी चाहिए. शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी सदन में सुझाया कि सांसदों को भी अपनी सांसद निधि भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल, स्कूल और सड़के बनाने के लिए उपलब्ध करानी चाहिए.

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