काठमांडू. भूकंप प्रभावित काठमांडू में अभी भी हर तरफ खौफ का मंजर पसरा हुआ है. यहां के स्थानीय निवासी, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे छोटे-छोटे समूहों में सड़कों पर इकट्ठा हैं और अभी भी भूकंप के बाद के झटकों के डर की वजह से अपने घरों में जाने से कतरा रहे हैं. अधिकतर लोग नेपाल में हुई इस तबाही पर अपने विचार साझा कर रहे हैं. कुछ लोग खुले मैदान में ही चाय और खाना बना रहे हैं.
कल्पना नामक एक महिला ने कहा, “मैं किसी भी कीमत पर अपने घर नहीं जाऊंगी. मैं अभी शनिवार को हुए हादसे से उबर नहीं पाई हूं। मैं तब तक बाहर रहूंगी, जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाए कि हम सुरक्षित हैं.” एक अन्य जोड़े ने मीडिया को बताया कि शनिवार को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप में किस तरह उनका घर हिलने लगा था. इस भूकंप में वे बिस्तर से नीचे गिर गए थे. गुरुं ग नामक व्यक्ति ने कहा, “एक बार हम हैरान हो गए. हम पहले तल पर थे और सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे थे लेकिन बाहर निकलना आसान नहीं था, क्योंकि घर हिल रहा था. उन्होंने कहा, “सीढ़ियों से नीचे उतरते समय हमारे सिर दीवार से टकरा रहे थे.”
काठमांडू के थमेल क्षेत्र में हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक अपने होटल छोड़कर चले गए. कुछ पर्यटक देश से बाहर जाने के लिए 80,000 से 90,000 नेपाली (880 डॉलर तक) रुपये तक का भुगतान कर रहे थे. कुछ विदेशी नागरिक जो नेपाल में रह गए हैं, वे होटल लॉबी में सो रहे हैं. शनिवार की आपदा की कटु यादें उन्हें अपने कमरों में जाने से रोक रही हैं. काठमांडू से निकलना भी आसान नहीं है. काठमांडू अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को शनिवार को सबसे पहले कुछ घंटों के लिए बंद किया गया और रविवार को आए झटकों के बाद इसे दोबारा बंद करना पड़ा.
बड़ी संख्या में विदेशी यात्री उड़ानों के इंतजार में हवाईअड्डे के बाहर बैठे हुए हैं. इनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. एक भारतीय नागरिक ने हवाईअड्डा परिसर में मीडिया को बताया, “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सभी भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. हम उसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ” कुछ लोगों ने आईएएनएस को बताया, “हवाईअड्डे पर मौजूद भारतीयों में अधिकतर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, बेंगलुरू और कोलकाता से हैं.”
एक महिला ने बताया, “हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं. हम भारतीय वायुसेना के विमानों के इंतजार में हैं.” भूकंप की वजह से काठमांडू के कई एटीएम नष्ट हो गए हैं. काठमांडू की सड़कों पर सोमवार को नागरिक यातायात नदारद रहा. कुछ ही टैक्सियां दो से तीन किलोमीटर की यात्रा के लिए 4,000 रुपये तक का शुल्क ले रही थीं. कुछ लोग ही इसे वहन कर सकते हैं. यहां पेट्रोल और डीजल की कमी है. काठमांडू के अधिकतर हिस्से में बिजली नहीं है। ऐसा लग रहा है कि सभी इंटरनेट लाइनें नष्ट हो गई है.
यहां स्कूल, कॉलेज और अदालतें बंद हैं और सरकारी कार्यालयों में लगभग काम नहीं हो रहा है. स्थानीय नागरिकों के लिए ऐसा कोई स्थान नहीं बचा है, जहां वे जाएं. कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल लगभग नष्ट हो गए हैं. इस शक्तिशाली भूकंप में 6,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. एक युवा अमेरिकी पर्यटक ने कहा, “यह कुछ ऐसा है, जिसे मैं दोबारा कभी नहीं देखना चाहूंगा.” “जब आप यह देखते हैं कि इमारतें ताश के पत्तों की तरह गिर रही हैं, तो यह आपको अंदर से झकझोर देता है. यह बहुत डरावना है.”
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