नई दिल्ली: कोरोना महामारी के पहले चरण में भारत में 12 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी. अरब के एक नामी मीडिया चैनल ने दुनियाभर के 10 बड़े डेमोग्राफर्स और इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है. बता दें कि ये मौत का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से 8 गुना ज्यादा […]
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के पहले चरण में भारत में 12 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी. अरब के एक नामी मीडिया चैनल ने दुनियाभर के 10 बड़े डेमोग्राफर्स और इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है. बता दें कि ये मौत का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से 8 गुना ज्यादा है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक भारत में कोरोना से करीब 1 लाख 48 हजार लोगों की मौत हुई थी.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है है कि कोरोना के पहले चरण में भारत में 12 लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. साइंस एडवांस पब्लिकेशन ने शुक्रवार यानी 19 जुलाई को यह रिपोर्ट छापी थी. पब्लिकेशन ने बताया कि यह रिपोर्ट 2019-21 के भारत सरकार के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आधार पर तैयार हुई है.
बता दें कि इस रिपोर्ट में दिए आंकड़े वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों से डेढ़ गुना ज्यादा हैं. साइंस एडवांस पब्लिकेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में कोरोना की वजह से भारत के मुस्लिम नागरिकों की जीवन दर पर सबसे ज्यादा असर हुआ था. देश के मुसलमानों की जीवन दर पहले की तुलना में करीब 5.4 साल घट गई. इसके अलावा उच्च-जाति के हिंदुओं की औसत जीवन दर में करीब 1.3 साल की गिरावट हुई. वहीं, अनुसूचित जाति के लोगों की बात करें तो उनके औसत जीवन दर में 2.7 साल की गिरावट दर्ज हुई थी.
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