नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर अब सख्त नज़र आ रहा है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 2000 सीसी और उससे ज्यादा क्षमता वाली डीज़ल कारों और एसयूवी के रजिस्ट्रेशन पर रोक जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि डीजल कार खरीदने वाले याद रखें कि वे प्रदूषण फ़ैलाने वाली गाड़ी खरीद रहे हैं और ये गाड़ी भविष्य में उन्हें और महंगी पड़ सकती है.
प्रदूषण की कीमत चुकायेंगे डीजल कार वाले
छोटी डीज़ल कारों पर भी सख्त रुख दिखाते हुए कोर्ट ने कहा, जो लोग डीज़ल कार खरीद रहे हैं उन्हें मालूम होना चाहिए कि उनकी गाड़ियां प्रदूषण फैला रही हैं. और अगर डीज़ल से ज्यादा प्रदूषण होता है तो ऐसी कार वालों को प्रदूषण फैलाने की कीमत चुकानी होगी. कोर्ट ने इशारों-इशारों में कहा कि इन कारों पर भविष्य में अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने एसयूवी निर्माता कंपनियों महिंद्रा, टोयोटा और मर्सिडीज़ की याचिका पर बाद में सुनवाई करने की बात कहते हुए तीनों कंपनियों से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिससे वे साबित कर सकें कि उनकी गाड़ियां प्रदूषण नहीं फैला रही हैं.
10 साल पुरानी गाड़ियों को बेचने पर फौरन NOC दे दिल्ली: SC
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये भी आदेश दिया है कि दिल्ली के लोग जब अपनी 10 साल पुरानी डीजल की गाड़ियां किसी दूसरे राज्य के लोगों को बेचना चाहें तो ऐसे मामलों में आपत्ति उठाने के बदले फौरन एनओसी जारी किया जाए ताकि डीजल की गाड़ियों का लोड दिल्ली पर से कम हो सके.