नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो पूर्व विदेश सचिवों और पाकिस्तान में काम कर चुके चार राजनयिकों से मुलाकात की. मुलाकात का मकसद पाकिस्तान से रिश्तों के बारे में विचार-विमर्श करना था. पठानकोट में आतंकी हमले के बाद सरकार इस मामले में व्यापक स्तर पर सलाह-मशविरा कर रही है.
सुषमा ने पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, पाकिस्तान में पूर्व राजनयिक और पाकिस्तान के साथ अनौपचारिक बातचीत के पूर्व विशेष दूत सतिंदर लांबा और तीन पूर्व राजनयिकों टी.सी.ए.राघवन, शरद सभरवाल और सत्यव्रत पाल से मुलाकात की.
राघवन 31 दिसंबर को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वह उस वक्त पाकिस्तान में थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिए अफगानिस्तान से लौटते वक्त अचानक लाहौर में रुके थे. मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को हुई बातचित के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर यात्रा को रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिश के रूप में देखा गया था. शनिवार को पठानकोट में हुए हमले के बारे में यह माना जा रहा है कि यह सीमा पार की ताकतों द्वारा इस्लामाबाद में इस महीने प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की वार्ता को बाधित करने की कोशिश है.