नेपाल ने खुले में गुजारी रात, लगते रहे झटके

काठमांडू. हिमालय की गोद में बसे नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार को पूरी रात और रविवार सुबह तक भूकंप के झटके लगते रहे. दहशतजदा हजारों लोगों ने रात खुले आसमान तले बिताई. नेपाल अभी शनिवार के जलजले से उबर भी नहीं पाया था और रविवार को अपराह्न 12.54 बजे एक और शक्तिशाली भूकंप आया जिससे और विनाश का खतरा बढ़ गया. 

रविवार को आए भूकंप का केंद्र राजधानी से 110 किलोमीटर दूर कोडारी में था. इसके बाद से काठमांडू में लगातार बारिश हो रही है. लोगों ने खुले में रात बिताने के लिए सभी सड़कों और खेल के मैदानों पर अस्थायी इंतजाम किए. 7.9 की तीव्रता से आए इस भूकंप में ढही इमारतें और घर तबाही की गवाही दे रहे हैं. शनिवार को इस भूकंप का केंद्र राजधानी से 75 किलोमीटर दूर स्थित लामजंग में था.

देखिए, नेपाल भूकंप पर विपिन चौबे की रिपोर्ट:

भूकंप से पहले तक बड़े स्तर पर बैठकों के लिए प्रयोग किए जाने वाले काठमांडू के टुंडीखेल मैदान पर शनिवार की रात काठमांडू के निवासी अपना-अपना टेंट, गद्दा और चादर लेकर अपने लिए स्थान ढूढ़ने की जद्दोजहद कर रहे थे. दशरथ स्टेडियम में भी कमोवेश यही स्थिति थी. पूरे शहर में रह-रहकर हल्के झटके महसूस किए गए. तड़के पांच बजे आए 5.5 तीव्रता के भूकंप ने कई इलाकों को हिलाकर रख दिया इससे रात को बहुत कम समय के लिए सो पाए लोग परेशान हो गए.

अधिकारियों को बिजली बहाली में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. भूकंप के झटकों के बाद बिजली के करंट से किसी की मौत न हो इसलिए एहतियात के तौर पर बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है. कई उप-स्टेशनों का भूकंप का खामियाजा भुगतना पड़ा है लेकिन ज्यादार बड़ी विद्युत वितरण ढांचे बरकरार हैं. विद्युत आपूर्ति अधिकारियों का कहना है कि वे दो से तीन दिनों में क्रमबद्ध तरीके से आपूर्ति बहाल कर देंगे. 

बड़ी संख्या में पुलिस और सैनिक रातभर सड़कों पर मौजूद रहे और उन लोगों को बाहर निकालने की कोशिश में जुटे रहे जिन्हें बचाया जा सकता था. वे उन लोगों के शव भी बाहर निकाल रहे थे जो इमारतों के ढहने पर बच नहीं पाए. काठमांडू के सभी अस्पताल घायलों से पटे पड़े हैं. चिकित्सक और नर्से अस्पतालों में लाए गए घायलों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

भीषण जलजले में राजधानी समेत नेपाल के अन्य हिस्सों में ज्यादातर पुरानी इमारतें प्रभावित हुई हैं. नई इमारतों को भूकंप ने बख्श दिया है. कांठमांडू में लगभग हर एक पुरानी इमारत ढह गई है. ज्यादातर नई इमारतें मलबों के बीच सुरक्षित खड़ी हैं. काठमांडू के पर्यटन केंद्र दरबार मार्ग को मामूली नुकसान हुआ है. 

यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर और भक्तपुर का पांच मंजिल शिव मंदिर सुरक्षित हैं. लेकिन ललितपुर के कई मंदिर, हनुमानढोका और अन्य स्थान जमींदोज हो गए हैं. (IANS)

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