नए साल पर हमले की साजिश में लश्कर, निशाने पर PM मोदी

खुफिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने वरिष्ठ कमांडर अबु कासिम की मौत का बदला लेने के लिए नए साल पर भारत में कई हमलों की साजिश रच रहा है.

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नए साल पर हमले की साजिश में लश्कर, निशाने पर PM मोदी

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  • December 31, 2015 6:05 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. खुफिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने वरिष्ठ कमांडर अबु कासिम की मौत का बदला लेने के लिए नए साल पर भारत में कई हमलों की साजिश रच रहा है. उसके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय हस्तियां और आठ शहरों में मौजूद सार्वजनिक और पर्यटन स्थल हैं. अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए लश्कर के चार वरिष्ठ कमांडर भारत में घुसपैठ कर चुके हैं.
 
कासिम की हुई थी पाक में ट्रेनिंग
कासिम को 29 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. कासिम पांच अगस्त को ऊधमपुर में सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर हुए उस हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें दो जवानों की मौत हुई थी और 10 घायल हुए थे. उसका ताल्लुक पाकिस्तान के बहावलपुर से था और पाकिस्तान में ही उसे ट्रेंड किया गया था. सरकार ने उस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
 
8 शहर निशाने पर
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और जम्मू-कश्मीर मुख्य रूप से लश्कर आतंकियों के निशाने पर हैं. इनके अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, जयपुर, बेंगलुरू, गोवा और कोलकाता भी इनके राडार पर हैं. एक अधिकारी ने बताया, “आईबी के अधिकारियों ने सभी राज्यों के पुलिस विभागों को अलर्ट कर दिया है. राज्यों की खुफिया एजेंसियों से कमांडरों की तलाश करने और उन लोगों को खोजने के लिए कहा गया है जो इनकी मदद कर सकते हैं.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री समेत कई प्रमुख नेता लश्कर के निशाने पर हैं.
 
नई तकनीकी का किया इस्तेमाल
पुलिस को भेजे अपने अलर्ट नोट में आईबी ने कहा है कि आतंकी हो सकता है कि अधिक उन्नत ‘गो टेन्ना’ का इस्तेमाल कर रहे हों, जो फोन के कवरेज एरिया और वाईफाई की चिंता किए बगैर संदेश और जगह को साझा करने में सक्षम होता है.
 
ब्लूटूथ वाला यह उपकरण खुद अपने सिग्नल को पैदा कर लेता है और एक निश्चित सीमा में अन्य इकाइयों से संपर्क साध लेता है. ‘गो टेन्ना’ के इस संस्करण को ‘वाई-एसएमएस’ भी कहा जाता है. हाल में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ पड़े छापे के दौरान खुफिया अधिकारियों को कुछ खराब हो चुके एंड्रायड फोन मिले थे. तभी उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली थी.

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