सस्पेंशन के विरोध में दानिक्स अधिकारी आज मास लीव पर

दिल्ली अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल सर्विसेज़ यानी दानिक्स के अफसर आज एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर हैं. दो विशेष सचिवों को सस्पेंड करने के दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के आदेश के विरोध में दानिक्स एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है.

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सस्पेंशन के विरोध में दानिक्स अधिकारी आज मास लीव पर

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  • December 31, 2015 4:39 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल सर्विसेज़ यानी दानिक्स के अफसर आज एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर हैं. दो विशेष सचिवों को सस्पेंड करने के दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के आदेश के विरोध में दानिक्स एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है.

दानिक्स एसोसिएशन ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर मामले की शिकायत भी की है. चिट्ठी में गृह विभाग में विशेष सचिव यशपाल गर्ग और सुभाष चंद्रा के निलंबन को गलत बताया गया है और उसे रद्द करने की मांग की गई है.

दानिक्स एसोसिएशन का कहना है कि सत्येंद्र जैन ने दोनों अधिकारियों पर एक कैबिनेट नोट पर साइन करने के लिए दबाव बनाया, जो नियमों के खिलाफ है.

अफसरों के छुट्टी पर जाने से खुशी मिलेगी-सत्येंद्र जैन

इस पर आप नेता और दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सरकार का आदेश न मानने पर निलंबन किया गया है. हड़ताल करना सर्विस रूल में नहीं है. अफसर छुट्टी लेना चाहें तो कोई दिक्कत नहीं है बल्कि हमें और दिल्ली की जनता को उनके छुट्टी पर चले जाने से खुशी मिलेगी.

उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि हम अफसरों के बिना काम चला लेंगे. अफसरों ने मुझसे या सीएम से बात नहीं की है. छुट्टी जाने की जानकारी हमें मीडिया से मिली है. हम फैसले लेंगे, बेशक हमारे इस फैसले को उपराज्यपाल नजीब जंग रद्द कर दें.

गृह मंत्रालय ने सस्पेंशन को बताया गलत

वहीं अब दिल्ली सरकार के इस कदम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गलत ठहराया है. केंद्र अब इस मामले में दिल्‍ली सरकार को अपना रुख बताएगा. 

बीजेपी ने मांगा जैन का इस्तीफा

इस मामले पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सत्येंद्र जैन का इस्तीफा मांगते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के गृह विभाग के दो विशेष सचिवों का निलंबन प्रशासनिक रूप से पूरी तरह गलत है.

उन्होंने कहा कि इस तरह के निलंबन कर केजरीवाल सरकार अधिकारियों और सरकारी कर्मियों के बीच में एक भय का वातावरण पैदा करना चाहते हैं, जिससे सरकारी कर्मी केजरीवाल सरकार के किसी भी असंवैधानिक निर्णय का विरोध न कर सकें. 

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