रायपुर. अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के टेप खुलासे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का कहना है कि अंतागढ़ उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंतुराम पवार के नाम वापस लेने से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है. कांग्रेस उम्मीदवार मंतुराम पवार ने खुद ही अपना नाम वापस लिया था.
रमन सिंह ने कहा, ”यह कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का परिणाम है और कांग्रेस चाहे तो पूरे मामले का अपने स्तर पर जांच करा सकती है.” अपने दामाद पुनीत गुप्त सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वह नौकरी करते हैं और इस मामले से उनका दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है. कांग्रेस को जब कुछ नहीं सूझा तो उनके नाम को बेवजह फंसाया जा रहा है.
इस मामले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि अंतागढ़ में भारी लेन-देन हुआ है. काले धन का उपयोग कर के उसे प्रजातंत्र को कलंकित करने का काम किया गया है. इसके साथ ही बघेल ने अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात भी कही. कांग्रेस ने मामले में मुख्यमंत्री रमन सिंह के इस्तीफे की भी मांग की.
क्या है पूरा मामला?
13 सितम्बर 2014 को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. इसमें कांग्रेस ने मंतुराम पवार को और बीजेपी ने भोजराज नाग को अपना उम्मीदवार बनाया था. कांग्रेस के मंतूराम पवार ने चुनाव के ठीक पहले अपना नाम वापस ले लिया था जिसके बाद चुनाव भोजराज नाग जीत गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापस लेने पीछे पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी का हाथ है. ऑडियो टेप के आधार पर दावा किया गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार को पीछे हटाने के लिए सौदेबाजी हुई जिसमें छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह, उनके दामाद पुनीत गुप्ता, पूर्व सीएम अजित जोगी और उनके अमित जोगी का जिक्र है.