फेसबुक के जरिए भारतीय जवानों को ‘हनी ट्रैप’ में फंसा रही है ISI

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने बीएसएफ और सेना के बाद अब वायुसेना में भी सेंध लगा दी है. आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में अरेस्ट एयरफोर्स के अफसर रंजीत केके ने कई खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि ब्रिटेन में रहने वाली इंडियन ओरिजिन की एक महिला उसकी फेसबुक फ्रेंड बनी थी. इसी महिला ने जासूसी के लिए उसे फंसाया था. सिक्युरिटी एजेंसियां अब पूर्व और मौजूदा डिफेंस अफसरों के 2000 सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर नजर रख रही हैं.

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फेसबुक के जरिए भारतीय जवानों को ‘हनी ट्रैप’ में फंसा रही है ISI

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  • December 30, 2015 5:55 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने बीएसएफ और सेना के बाद अब वायुसेना में भी सेंध लगा दी है. आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में अरेस्ट एयरफोर्स के अफसर रंजीत केके ने कई खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि ब्रिटेन में रहने वाली इंडियन ओरिजिन की एक महिला उसकी फेसबुक फ्रेंड बनी थी. इसी महिला ने जासूसी के लिए उसे फंसाया था. सिक्युरिटी एजेंसियां अब पूर्व और मौजूदा डिफेंस अफसरों के 2000 सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर नजर रख रही हैं. 
 
दिल्ली पुलिस ने जासूसी के आरोप में वायुसेना के बर्खास्त कर्मचारी केके रंजीत को पंजाब के बठिंडा से गिरफ्तार किया. लीडिंग एयरक्राफ्टमैन रंजीत पर सुरक्षा एजेंसियों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए सबूत सौंपे थे. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने मंगलवार को बताया कि मूल रूप से केरल का रंजीत एयरफोर्स की तैनाती, एयरकाफ्ट परिचालन के अलावा कई खुफिया जानकारियां आईएसआई तक भेज रहा था. इसकी एवज में उसके बैंक खाते में पैसे भी भेजे जा रहे थे. उस पर 4 माह से नजर रखी जा रही थी. 
 
फेसुबक चैट से झांसे में आया 
रंजीत केके ने अब तक कई खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि ब्रिटेन में रहने वाली इंडियन ओरिजिन की एक महिला उसकी फेसबुक फ्रेंड बनी थी. दोनों के बीच देर रात तक फेसबुक पर चैट होती थी. बाद में मामला वॉट्सऐप और स्कायप तक जा पहुंचा. दोनों के बीच काफी प्राइवेट किस्म की बातचीत होती थी. इसी तरह की बातों के एवज में दामिनी ने रंजीत से आईएसआई के लिए जासूसी कराई. इस बीच, सिक्युरिटी एजेंसियां अब पूर्व और मौजूदा डिफेंस अफसरों के 2000 सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर नजर रख रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आईएसआई साइबर हनी ट्रैप के जरिये जाल बिछा रही है. आईएसआई के इस जाल में रंजीत जैसे और भी लोग हो सकते हैं, जिसकी जांच चल रही है. 
 
ब्रिटिश अंग्रेजी में करती थी बात
तीन साल पहले रंजीत को मैक्नॉट दामिनी की तरफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली. दामिनी के प्रोफाइल में उसका एड्रेस बीस्टन लीड्स ब्रिटेन का था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दामिनी ने खुद को एक मीडिया फर्म की एग्जीक्यूटिव बताया था. रंजीत उसके अंग्रेजी बोलने के लहजे से इन्सपायर हो गया था. बातचीत के दौरान दामिनी ने रंजीत से इंडियन एयरफोर्स के बारे में जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया. उसने रंजीत को बताया कि एक मैग्जीन के लिए वह यह जानकारी चाहती है. दामिनी ने रंजीत से ये भी कहा कि इन जानकारी के बदले वह उसे कुछ बोनस भी देगी.
 

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