शराब बैन: CM नीतीश को मानें या इन सरकारी विज्ञापनों को ?

बिहार स्टेट बिवरेजेज कॉर्पोरशन के पिछले दो दिनों में छपे विज्ञापनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 1 अप्रैल, 2016 से राज्य में शराबबंदी की घोषणा को सवालों के घेरे में ला दिया है. इन विज्ञापनों से ऐसा लगता है कि सरकार शराब का धंधा बंद नहीं करने जा रही है.

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शराब बैन: CM नीतीश को मानें या इन सरकारी विज्ञापनों को ?

Admin

  • December 18, 2015 10:12 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
पटना. बिहार स्टेट बिवरेजेज कॉर्पोरशन के पिछले दो दिनों में छपे विज्ञापनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 1 अप्रैल, 2016 से राज्य में शराबबंदी की घोषणा को सवालों के घेरे में ला दिया है. इन विज्ञापनों से ऐसा लगता है कि सरकार शराब का धंधा बंद नहीं करने जा रही है.
 
विभाग के उत्पाद एवं मद्द निषेध आयुक्त ने राज्य के सभी सहायक उत्पाद अधिकारियों को 15 दिसंबर की तारीख में जो पत्र लिखा है उससे साफ है कि बिहार में विभाग स्वयं विदेशी शराब की दुकान खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आज कैबिनेट मीटिंग में भी शराबबंदी पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है. 
 
 
पत्र के मुताबिक उत्पाद कमिश्नर ने बीएसबीसीएल अधिकारियों को गोदाम और खुदरा दुकान खोलने के लिए जमीन उपल्ब्ध कराने का निर्देश दिया है. जमीन खोजने का काम सहायक आयुक्तों को सौंपा गया है. राज्य में शराब संबंधी नीतियां राज्य सरकार ही तय करती है और इसे लेकर बीते शुक्रवार को एक बैठक हो चुकी है.
 
 
इस पत्र के सामने आने के बाद एक बार फिर चर्चा का बाजार गर्म है कि आखिर राज्य में शराबबंदी होगी या नहीं या सिर्फ देशी शराब की बिक्री बंद होगी. सूत्रों का कहना है कि उत्पाद विभाग के प्रस्ताव में सिर्फ देशी शराब बंदी का जिक्र है. 
 
मद्द निषेद दिवस पर शराबबंदी की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री बार-बार दुहरा चुके हैं कि पूर्ण शराबबंदी को लेकर किसी तरह का कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए.

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