नई दिल्ली. अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. बता दें कि बीजेपी के 11 विधायकों ने राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को अविश्वास प्रस्ताव भेजा है, जिसके बाद राजनीतिक संकट और बढ़ गया है और मुख्यमंत्री नबाम टुकी की कुर्सी डगमगाने लगी है. राजनीतिक संकट के मद्देनज़र बुधवार को प्रदेश की विधानसभा सील कर दी गई है.
प्रणब से मिली सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले पर बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा. उनके साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी थे. सोनिया गांधी ने कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.’
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘राज्य स्तर पर राज्यपाल की जिम्मेदारी है कि वो संविधान की रक्षा करें. लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा राज्यपाल से असंवैधानिक चीजें करवाई जा रही हैं. राज्यपाल ने खुद ही विधानसभा का सत्र बुलाया. आदेश दिया कि डिप्टी स्पीकर इसकी अध्यक्षता करेंगे और एजेंडा होगा स्पीकर को हटाना. ये संविधान के खिलाफ है क्योंकि डिप्टी स्पीकर बीजेपी के संपर्क में है. कानून-व्यवस्था प्रदेश का मुद्दा बन गया है लेकिन राज्य सरकार की जानकारी के बिना पार्लियामेंट्री फोर्स बुला ली है.’
क्या है मामला
दरअसल प्रदेश के राज्यपाल ने एक महीने पहले ही शीत सत्र बुला लिया था. राज्यपाल ने विधानसभा के स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव रखने का आदेश दिया था. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है और राज्यपाल के पद का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ किया जा रहा है. अरुणाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के कई विधायक बागी बन गए हैं. कहा जा रहा है कि ये विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. इससे दोनों पार्टियों के बीच जबरदस्त तनाव है.