नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राजनेताओं ने रविवार को साल 2001 में संसद पर हुए हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य नेताओं ने भी संसद भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
मोदी ने ट्वीट किया, “हम साल 2001 को इसी दिन लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वालों को याद करते हैं.” प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर कुछ शहीदों के परिजनों से भी मिले.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला और राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर रक्त दान शिविर का भी आयोजन किया गया.
अफजल गुरु था हमले का मास्टरमाइंड
अफजल गुरु पार्लियामेंट पर हुए हमले की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड था. अफजल गुरू को पार्लियामेंट पर हमले की साजिश रचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2005 को उसे फांसी की सजा सुनाई. 3 अक्टूबर, 2006 को अफजल की पत्नी तब्बसुम ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी. राष्ट्रपति ने अफजल की दया याचिका पर गृह मंत्रालय से राय मांगी, इसके बाद मंत्रालय ने इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया, जहां दिल्ली सरकार ने इसे खारिज करके गृह मंत्रालय को वापस भेज दिया. गृह मंत्रालय ने फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी. इसके बाद 3 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति ने अफजल की दया याचिका खारिज कर दी. 9 फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.
बता दें कि 13 दिसम्बर, 2001 को पांच आतंकवादियों ने पार्लियामेंट पर हमला कर दिया गया था. वे पार्लियामेंट परिसर में घुस आए थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस के जवानों से उनकी मुठभेड़ हुई. इस दौरान दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो कर्मी शहीद हो गए. एक माली की भी इस दौरान जान चली गई. सुरक्षा बलों इस दौरान हमलावर पांच आतंकवादियों को भी मार गिराया.